Sad News: Jalandhar में गर्मी में स्वीमिंग पूल में नहाने गए बच्चे की मौत, सिर्फ गड्ढ़ा खोदकर बना दिया पूल… प्रशासन की लापरवाही से गई जान
न मानकों पर खरा उतर रहा Jalandhar वेस्ट में बना पूल, न लाइसेंस-NOC है, बच्चों को वेबकूफ बना कर मौत के मुंह में धकेल रहे रॉयल स्विमिंग पूल वाले
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। गर्मी से राहत पाने के लिए Jalandhar West में बना स्विमिंग पूल (Swimming Pool) काल बन गया है श जिसमें नहाने गए बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई। बच्चा घर नहीं पहुंचा तो परिजन उसे ढूंढते हुए स्विमिंग पूल में पहुंचे। वहां लगे CCTV कैमरे चेक किए तो बच्चे के डूबने का खुलासा हुआ। जिस स्वीमिंग पूल में बच्चे की मौत हुई, वह किसी भी मानक पर खरा नहीं उतरता। फिर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मेहरबानी से स्वीमिंग पूल चल रहा है। मौके पर पहुंचे पिता भीम बहादुर ने बताया कि वह मूल रूप से नेपाल के रहने वाले हैं। जालंधर में वह दानिशमंदा कॉलोनी में रहते हैं। उसका बेटा माधव (13) मंगलवार शाम को 4 दोस्तों के साथ सन सिटी कॉलोनी स्थित रॉयल स्विमिंग पूल में नहाने के लिए गया था। रात 9 बजे तक माधव घर नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
पहले दोस्तों से पूछा तो पता चला पूल में नहाने गए थे, CCTV कैमरे चेक किए तो उठा पर्दा
सबसे पहले परिजन माधव के दोस्तों के घर पहुंचे और पूछताछ की तो चला कि सभी मिलकर पूल में नहाने गए थे। इसके बाद परिवार के लोग उसे ढूंढते हुए स्विमिंग पूल तक पहुंचे। शक होने पर परिवार के लोगों ने पूल में लगे CCTV कैमरे चेक किए। CCTV के मुताबिक, शाम 6.07 पर माधव ने स्विमिंग पूल में आखिरी छलांग लगाई थी। इसके बाद माधव बाहर नहीं आया। परिजनों ने पूल में तलाश की तो माधव बेसुध हालत में मिला। इसके तुरंत बाद उसे अस्पताल में ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।बच्चे की मौत की सूचना के बाद थाना लांबड़ा के ASI निरंजन सिंह पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल के पोस्टमॉर्टम रूम में रखवा दिया।
स्वीमिंग पूल का मालिक बोला- कोच हैं, इधर प्रशासन को भनक तक नहीं कि धड़ल्ले से चल रहा अवैध पूल
जब बातचीत में रॉयल स्विमिंग पुल के मालिक बलजीत सिंह उर्फ लड्डू ने कहा कि वह खुद भी स्विमिंग जानते हैं। उन्होंने कोच भी रखे हुए हैं। 6 बजे पूल बंद कर दिया गया था। 6.07 पर बच्चे ने छलांग लगाई है। इससे पहले कई बार उसे बाहर आने के लिए कहा गया था। लेकिन सीसीटीवी में साफ दिख रहा है जब कई बच्चे पूल में छलांग मार रहे हैं तो वहां न तो कोई कोच है और न ही कोई लाइफ गार्ड, ये सीधे बच्चों को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। लाइफ गार्ड तो छोड़िए, संचालकों ने अन्य मानकों को भी पूरा नहीं किया है। मोटी कमाई के लिए संचालक एक समय में तीस से 50 लोगों को एक साथ स्विमिंग पूल में भेज देते हैं। मजे की बात यह भी है कि खुलेआम संचालित हो रहे इन स्विमिंग पूलों की जानकारी जिला प्रशासन को जानकारी तक नहीं है।