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Farmers Protest : शंभू बार्डर पर आंदोलन दौरान तरनतारन के किसान रेशम सिंह ने निगली थी सल्फास, ये जानकारी आई सामने… पढ़ें और देखें

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पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़/पटियाला/शंभू बॉर्डर। Farmers Protest in Punjab) किसानी आंदोलन के मद्देनजर शंभू बार्डर पर धरना देने पहुंचे तरनतारन जिले के किसान रेशम सिंह (47) ने शंभू बोर्डर पर गुरुवार की सुबह सल्फास निगल ली। रेशम सिंह को राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया।

जहां 11 बजे उक्त किसान को मृत घोषित कर दिया गया। रेशम सिंह की मौत की खबर मिलते ही शंभू मोर्चे पर व उक्त मृतक किसान के गांव पहुविंड में माहौल शोकमय हो गया।


जिला तरनतारन के विस हलका खेमकरण के गांव पहुविंड निवासी जगतार सिंह के बेटे रेशम सिंह छह जनवरी को अपने गांव से किसानों का जत्था लेकर शंभू बार्डर के लिए रवाना हुए। गुरुवार को उनके बेटे इंद्रजीत सिंह को शंभू बार्डर से सूचना मिली कि किसानी आंदोलन से आहत होकर उनके पिता ने सल्फास निगल ली है। साथी किसानों द्वारा रेशम सिंह को राजपुरा के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डाक्टरों द्वारा रेशम सिंह को बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन साढे 11 बजे उनकी मौत की खबर आई। रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर ने बताया कि उनका परिवार पूरी तरह से किसानी आंदोलन को समर्पित रहा है।

दिल्ली आंदोलन दौरान भी रेशम सिंह गांव से किसानों का जत्था लेकर कई दिन वहां डटे रहे। मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमैन रजवंत सिंह संधू, पूर्व सरपंच इंद्रबीर सिंह पहुविंड, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जोन अध्यक्ष दिलबाग सिंह पहुविंड, जगीर सिंह, गुरसेवक सिंह, बीरा सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार तीनों कृषि कानून दोबारा लागू करना चाहती है। दिल्ली आंदोलन दौरान कई किसानों ने कुर्बानी दी। उस समय मोदी सरकार ने अपना फैसला वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन अब दोबारा किसान विरोधी कानून जारी करने का प्रयास किया जा रहा है।

नहीं किया जाएगा अंतिम संस्कार, 25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग

रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर, बेटे इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शंभू व खनौरी बार्डर पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 45वें दिन भी जारी रहा। उनकी हालत दिन-प्रतिदिन नाजुक हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही। परिवार ने फैसला किया है कि रेशम सिंह का उतनी देर अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जब तक किसानी मांगें पूरी नहीं होती।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरां ने किसानी आंदोलन दौरान जान गंवाने वाले रेशम सिंह पहुविंड की कुर्बानी भुलाई नहीं जा सकती। किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा, समूहिक कर्ज माफी, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही उन सभी मांगों को पूरा किया जाए। जिनके लिए दो मोर्चे लगे हुए हैं। इस मौके हरप्रीत सिंह सिधवां, सतनाम सिंह माणोचाहल, हरजिंदर सिंह शकरी, मनजिंदर सिंह गोहलवड़, सलविंदर सिंह जीओबाला, सलविंदर सिंह चोताला ने रेशम सिंह पहुविंड को श्रद्धांजलि भेंट की।

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