विधायक नहीं लूट की फैक्ट्री: एटीपी ही नहीं इनके साथ भी बनाया पैसा, राजदारों ने पूछताछ में उगले राज, लाखों की ऐसे होती थी सेटिंग; पैसे नहीं तो चलवा देते थे….!
पोस्टिंग करवानी हो या निर्माण, बना रखा था रेट कार्ड; मेडिकल करवाकर आज कोर्ट में होगी पेशी… तीन सूटकेस भर दस्तावेज खोलेंगे राज… पढ़ें
साम्राज्य… वेस्ट में फैक्ट्री, नाज सिनेमा के पास इमारत, फुटबॉल चौक के पास जमीन तो पीर बोदला में मार्केट ही खरीद ली, सबकी जांच होगी
मनमोहन सिंह
पंजाब हॉटमेल जालंधर। जालंधर सेंट्रल और वेस्ट में धन-प्रतिनिधि रमन अरोड़ा के इशारों पर पत्ता भी नहीं हिलता था, अब विजिलेंस की गिरफ्तारी से उन राज पर से पर्दा उठेगा जो तीन साल से दबे हुए थे। AAP विधायक रमन अरोड़ा को आज विजिलेंस टीम कोर्ट में पेश कल रिमांड पर लेगी और तीन सूटकेस भर दस्तावेज बरामद हुए हैं उसको लेकर पूछताछ होगी। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि अरोड़ा से मोहाली में पूछताछ होगी या फिर जालंधर में।

विधायक का साम्राज्य
विधायक का साम्राज्य वेस्ट में फैक्ट्री, नाज सिनेमा के पास इमारत, फुटबॉल चौक के पास जमीन तो पीर बोदला में मार्केट ही खरीद ली। विधायक के साथ ही राजदार पीए रोहित, हनी भाटिया और करीबी महेश मखीजा से देर रात तक पूछताछ में कई खुलासे हुए। विधायक के जब्त फोन में एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के अलावा इन के साथ करोड़ों की छापने की बात सामने आने के बाद फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है।

विधायक रमन अरोड़ा कभी कैबिनेट मंत्री बनने का सपना देख रहे थे। वे मंत्री तो नहीं बन सके, लेकिन हवालाती जरूर बन गए। विधायक के कारनामे लगातार सरकार को पता चल रहे थे। सरकार के खुफिया विंग ने विधायक का पूरा चिट्ठा खोल कर रख दिया, जिसके बाद पता चला कि आप विधायक कैसे करोड़पति बन गया।
विजिलेंस को इनपुट मिले हैं कि फुटबॉल चौक के पास विधायक ने एक बड़ी जमीन खरीदी है। यहां कभी एक अस्पताल हुआ करता था। इतना ही नहीं वेस्ट एरिया में एक बड़ी फैक्ट्री का निर्माण करवाया है। लम्मा पिंड एरिया में एक बड़ी इमारत बनाने की तैयारी चल रही थी। बंद हो चुके नाज सिनेमा के पास एक बड़ी कामर्शियल इमारत का निर्माण करवाया है।
पीर बोदला बाजार में एक मार्केट तक खरीद चुके हैं। विजिलेंस के हाथ जायदाद से जुड़े डॉक्यूमेंट लगे हैं। अभी यह क्लियर नहीं हो सका कि ये जमीनें किस के नाम पर हैं। इसमें करीबी लोगों का ही चेहरा सामने है।
विधायक के करीबी आढ़ती और एक हलवाई उनके धन को इधर-उधर करने में पूरा सहयोग करता है। रेड के समय उनका बेटा और एक करीबी रिश्तेदार शहर में नहीं थे। सूत्र बताते हैं कि विधायक के जब्त किए गए मोबाइल फोन में अहम इनपुट मिले हैं। विजिलेंस जब्त किए गए मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच करवाएगी, ताकि राजदारों के डिलीट किए गए मैसेज रिकवर करवाएं जा सकें।
देर रात तक विधायक और उनके पीए रोहित कपूर से पूछताछ चल रही थी, क्योंकि पीए विधायक का राजदार है। पीए ही सब डिवीजन में एडीसीपी से लेकर एसीपी और एसएचओज की पोस्टिंग की सेटिंग करवाता था।
विधायक के रहम पर लगे एसएचओ थाने बाद में आते थे, पहले विधायक के दफ्तर में हाजिरी भरते थे। सरकार ने विधायक पर कानूनी एक्शन लेने से पहले उनकी सिफारिश पर लगे एसीपी, एसएचओ और प्रशासन में तैनात अधिकारी बदले थे। विधायक को पावरलेस करने के लिए 13 मई को उनकी सुरक्षा हटा ली गई थी।
पीए सबसे बड़े राजदार, बोले- मैं तो केवल पुलिस के …!
पूछताछ में पीए कपूर ने कहा कि मैं तो केवल पुलिस के कामकाज देखता था। मैंने कोई लेनदेन नहीं किया। रात में विजिलेंस ने विधायक के नगर निगम के कामकाज देखने वाले पीए हनी भाटिया के घर सर्च की, वहां से पेनड्राइव, लैपटॉप और अन्य डॉक्यूमेंट्स कब्जे में लिए हैं। पीए भाटिया को भी पूछताछ के लिए साथ ले गए। हालांकि विजिलेंस आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है।
एटीपी सुखदेव ने खोला विधायक का कच्चा चिट्ठा
आरोपी एटीपी सुखदेव अप्रैल 2022 से अब तक बीच-बीच में छोटे-छोटे अंतराल के साथ लगातार जालंधर में तैनात था। गिरफ्तार एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के कार्यालय परिसर और आवास की तलाशी के दौरान, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों और भौतिक साक्ष्यों के अलावा, उनके निजी कब्जे और कार्यालय रिकॉर्ड से अनधिकृत निर्माण और संबंधित मामलों के सैकड़ों आधिकारिक नोटिस बरामद किए गए।

इनमें से कुछ नोटिस डिस्पैच रजिस्टर में भी दर्ज नहीं पाए गए। बिना किसी कारण के बहुत लंबे समय तक कार्रवाई के बिना लंबित अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए। आगे की जांच से पता चला कि गिरफ्तार अधिकारी द्वारा शहर के लोगों से पैसे ऐंठने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए एक स्थानीय विधायक के साथ मिलीभगत करके एक अनोखी कार्यप्रणाली अपनाई जा रही थी।
गिरफ्तार एटीपी, जालंधर (मध्य) के विधायक रमन अरोड़ा के कहने और उनके परामर्श से, निर्मित या निर्माणाधीन इमारतों, वाणिज्यिक और आवासीय दोनों की पहचान करता था और कथित उल्लंघनों के लिए उन्हें नोटिस देता था।

जब इमारत के मालिक या उनके प्रतिनिधि संबंधित अधिकारी से संपर्क करते थे, तो वह उन्हें उक्त विधायक के पास भेज देता था। इसके बाद विधायक अवैध रिश्वत लेकर मामले को निपटा देते थे। विधायक से सकारात्मक संदेश मिलने पर आरोपी एटीपी द्वारा फाइलें अपने पास रख ली जाती थीं और कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी।

इस गठजोड़ से संबंधित करीब 75-80 नोटिस बरामद किए गए हैं। अन्य फाइलों को निपटाने में भी यही तरीका अपनाया जाता था। सतर्कता ब्यूरो, पंजाब ब्यूरो और स्थानीय निकाय विभाग की तकनीकी टीमों के माध्यम से प्रत्येक नोटिस और अन्य दस्तावेजों की विस्तृत भौतिक और दस्तावेजी जांच की जा रही है और कई कमियां सामने आई हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच के दौरान गिरफ्तार एटीपी और जालंधर (मध्य) के विधायक रमन अरोड़ा के बीच मिलीभगत और आपराधिक गठजोड़ का संकेत देने वाले ठोस सबूत रिकॉर्ड में आए।
विजिलेंस की आढती के घर छापेमारी
एटीपी सुखदेव वशिष्ट व विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ़्तारी के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने सब्जी मंडी के पास रहने वाले आढ़ती की कोठी प्र छापेमारी की तलाशी अभियान चलाया। उक्त आढती विधायक रमन का खासमखास है।