Trust स्कैम: चेयरमेन संघेड़ा ने क्या गुमराह किया था ?
काकू आहलूवालिया के जेडीए के सदस्य की नियुक्ति की पढि़ए पूरी इनसाइड स्टोरी।
चंडीगढ। विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर इंप्रूवमेंट Trust में कांग्रेस कार्यकाल में हुए घोटाले में जांच व केस दर्ज कर रखा है। पिछली Government में 50-50 लाख रुपये रिश्वत लेकर काफी काम किये गए, यह खुलासा जालंधर के ट्रस्ट के Chairman जगतार सिंह संघेड़ा मीडिया के समक्ष कर चुके हैं। फि्र आप में ऐसा क्या जादू चला कि पिछली सरकार में ट्रस्ट के चेयरमैन रहे दलजीत सिंह आहलूवालिया के बेटे काकू आहलूवालिया को जेडीए का सदस्य लगा दिया गया है। जेडीए मतलब जालंधर डिवलेप्मेंट अथॉरिटी। अगर काकू आहलूवालिया व उनके पिता की छवि बेदाग है तो फिर ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा को सार्वजिनक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
दो फाइल में 1.50 करोड़ के घोटाले सामने आए, ट्रस्ट के दो अधिकारी और दो प्रमुख लोग शामिल थे
29 जुलाई को जगतार सिंह संघेड़ा जोकि पार्टी के Spokesperson के साथ साथ इमानदार व दमदार छवि रखते हैं उनहोंने डंके की चोट पर कहा था कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों के अनुसार जीरो टॉलरेंस नीति पर चलते हुए ट्रस्ट में पिछले समय हुए घोटालों, अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रो. जगतार सिंह संघेड़ा ने जालंधर ट्रस्ट में बहु करोड़ी घोटाला होने का खुलासा करते हुए बताया कि उनके संज्ञान में 2 ऐसे केस आए है, जिसमें एक फाइल में 1.50 करोड़ रुपए, जबकि दूसरी फाइल में 50 लाख रुपए के लेनदेन सामने आया है। इस घोटाले में ट्रस्ट के ही 2 ट्रस्ट अधिकारी और 2 प्रमुख लोग भी शामिल हैं। सभी जिम्मेदार जल्द सलाखों के पीछे होंगे। चेयरमैन जगतार संघेड़ा ने अपने कार्यालय में पत्रकारवार्ता दौरान बताया कि उन्होंने सारे मामले को CM भगवंत सिंह मान और Local Body Minister बलकार सिंह के ध्यान में ला दिया है, जिसमें 1 मामले में ट्रस्ट के 2 प्लाटों की डील 2 करोड़ रुपए में हुई, 50 लाख रुपए ट्रस्ट में जमा कराए और 1.50 करोड़ रुपए निजी तौर पर वसूले गए है, इस पूरे खेल में ट्रस्ट के अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत रही है। यह घोटाले आहूवालिया के कार्यकाल के दौरान हए थे। जुलाई बीता दिसंबर शुरू हो चुका है और संघेड़ा की बातें हवा हवाई हो गई और काकू आहलूवालिया पंजाब सरकार का राजस्व भरने वाले जेडीए के सदस्य बन गए। सवाल अब यह है कि क्या संघेड़ा ने सार्वजिक तौर पर झूुठ बोला था ? कौन लोग हैं जो करोडों रुपये के घोटालों के जिम्मेदार थे ? लिहाजा पंजाब हाटमेल जल्द ही परत दर परत से पर्दा उठाएगी कि करोड़ों रुपये के वारे न्यारे कांग्रेस सरकार में कैसे किये गए थे।