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पंजाब में किसानों का ट्रैक्टर मार्च: बारिश में भी नहीं थमा विरोध, लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ अमृतसर-जालंधर से उठी आवाज

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पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़। पंजाब सरकार की विवादित लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ किसानों का विरोध अब और तेज हो गया है। बुधवार को बारिश के बावजूद हजारों किसान संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतर आए। यह विरोध मार्च अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।

-बारिश भी नहीं रोक सकी किसानों का जोश, अमृतसर में सरवन सिंह पंधेर की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च की शुरुआत

अमृतसर में प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने की। किसानों का कहना है कि यह नीति उनके हक में नहीं, बल्कि जमीन हड़पने की सरकारी साजिश है।

प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर मार्च उन सभी गांवों से होकर निकले जहाँ जमीन अधिग्रहण की योजना है। लुधियाना के समराला क्षेत्र में भी गांव बालियो से एसडीएम ऑफिस तक ट्रैक्टर मार्च निकाला गया।

65 हजार एकड़ जमीन पर सरकार की नजरपैसे नहीं, प्लॉट मिलेंगे – किसानों को मंजूर नहीं है ये सौदा

सरकार की योजना के अनुसार, करीब 65,000 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया जाना है। लैंड पूलिंग स्कीम के तहत किसानों को जमीन के बदले नकद राशि नहीं, बल्कि उसी भूमि से रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट देने की योजना है।

इन क्षेत्रों में सरकार अर्बन एस्टेट बसाने की तैयारी में है। लेकिन किसानों का कहना है कि यह नीति न तो व्यावहारिक है और न ही लाभकारी।

“116 गांवों को नक्शे से मिटाने की तैयारी”बलबीर सिंह राजेवाल का बड़ा आरोप

वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने इस नीति को खुलकर भ्रष्टाचार करार दिया। उन्होंने कहा कि “बिना किसी सर्वे और विशेषज्ञ की राय लिए, सरकार ने हजारों एकड़ जमीन पर अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

इससे 20,000 से ज्यादा किसान परिवार उजड़ जाएंगे, और गांवों के मज़दूर बेरोजगार हो जाएंगे।”राजेवाल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार यह जमीन कॉर्पोरेट और बिल्डरों को सौंपकर हजारों करोड़ का घोटाला करना चाहती है।

वादा – हर किसान को ₹1 लाख सालाना, लेकिन नहीं है बजट की ठोस व्यवस्था

राजेवाल ने कहा कि सरकार किसानों को ₹1 लाख सालाना देने की बात कर रही है, परंतु इसके लिए कोई वित्तीय बजट स्पष्ट नहीं किया गया।अगर हर किसान को ₹1 लाख दिए जाएं, तो इसके लिए सालाना ₹655 करोड़ की आवश्यकता होगी। लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस प्लान सार्वजनिक नहीं किया है।

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