कनाडा में पंजाबियों की बढ़ी चिंता: 32 हजार अप्रवासी होंगे देश से बाहर, 7 हजार भारतीय वापिस आएंगे! पिछले साल के ये हैं आंकड़े… पढ़ें
पंजाब हॉटमेल, जालंधर/कनाडा। कनाडा (Canada) में रह रहे हजारों अप्रवासियों (Indian’s) के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) ने देश में अवैध रूप से रह रहे 32 हजार अप्रवासियों को निर्वासित करने के आदेश जारी किए हैं, जिनमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है।

बताया जा रहा है कि 7 हजार से अधिक भारतीयों को विमान से दिल्ली भेजने की योजना बनाई जा रही है। CBSA प्रमुख एरिन ओ’ गॉरमैन ने कहा है कि कनाडा अब वीजा अवधि खत्म होने के बाद रुकने वालों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
इस साल अब तक 2 हजार से ज्यादा भारतीयों को निर्वासित किया जा चुका है, और वर्ष के अंत तक यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी के अनुसार, 2024-25 में कुल 18 हजार विदेशी नागरिकों को देश से निकाला गया, जो पिछले साल से 2 हजार अधिक है।
अवैध प्रवासियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस की मदद भी ली जा रही है।कनाडा में निष्कासन आदेश के तीन प्रकार। इमिग्रेशन एक्सपर्ट पूजा सिंह के अनुसार, कनाडा में तीन प्रकार के निष्कासन आदेश होते हैं।
प्रस्थान आदेश, निर्वासन आदेश और कर बहिष्करण आदेश। प्रस्थान आदेश के तहत व्यक्ति को 30 दिनों के भीतर देश छोड़ना पड़ता है।
अगर वह नहीं छोड़ता, तो निर्वासन आदेश लागू होता है और एक साल तक वापसी नहीं की जा सकती।
कर बहिष्करण आदेश में, अगर व्यक्ति ने गलत जानकारी दी है, तो उसे 5 साल तक कनाडा लौटने की अनुमति नहीं मिलती।
वीजा न बढ़ने से युवाओं में हताशाकनाडा में रह रहे इमिग्रेशन विशेषज्ञ परविंदर सिंह का कहना है कि वहां पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय युवाओं के लिए स्थिति गंभीर होती जा रही है।
सरकार वर्क वीजा की अवधि नहीं बढ़ा रही, और कई युवाओं का PR (Permanent Residency) स्कोर पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनके पास कनाडा छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
भारतीय सबसे अधिक प्रभावित
28 जुलाई तक 1,891 भारतीयों को कनाडा से निकाला जा चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक है। 2019 में यह संख्या सिर्फ 625 थी। इस साल निर्वासन सूची में 6,837 भारतीय, 5,170 मेक्सिकन और 1,734 अमेरिकी नागरिक शामिल हैं।
कुल 30,733 लोगों में से 27,103 शरण चाहने वाले बताए जा रहे हैं।यह कार्रवाई कनाडा में रह रहे पंजाबी समुदाय के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है, क्योंकि हजारों परिवार अब अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
