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Punjab WAQF Board Property Analysis: पंजाब में इतनी सम्पत्ति… हजारों पर रसूखदारों का कब्जा; नया विधेयक बहुत कुछ बदल देगा… पढ़ें

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पंजाब में वक्फ बोर्ड की 42 हजार से अधिक संपत्तियों पर कब्जा, 1500 केस अदालत में

मनमोहन सिंह

पंजाब हॉटमेल ब्यूरो, चंडीगढ़/जालंधर। In Punjab, influential people have taken over the land of Waqf Board, the new bill will change a lot) राजनीतिक शह और मुलाजिमों से सांठगांठ कर पंजाब वक्फ बोर्ड की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर अधिकतर ताकतवर लोगों ने कब्जा कर रखा है। पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां वक्फ संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण की संख्या सबसे अधिक है और बठिंडा सबसे आगे है।

वक्फ बोर्ड की तरफ से ट्रिब्यूनल व अदालतों में केस विचाराधीन हैं। अब नए वक्फ (संशोधन) विधेयक ने इन वक्फ संपत्तियों को लेकर कई चिंताएं पैदा कर दी हैं। पंजाब में 1500 केस अदालतों में विचाराधीन है, जो स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक शामिल है।

WAQF बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्तियां North India में, ये हैं आंकड़े

उत्तर भारत में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, जिनके लिए नए वक्फ संशोधन विधेयक को खतरा बताया जा रहा है। पंजाब में वर्तमान में 75,957 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से 42,684 संपत्तियों पर अवैध कब्जा है, जिसका मतलब है कि 56 प्रतिशत संपत्तियां हैं जिन पर रसूखदारों ने कब्जा जमा रखा है।

एडवोकेट नईम खान का कहना है कि नए वक्फ संशोधन विधेयक से पूरे वक्फ बोर्ड का ढांचा बदल जाएगा, जिसका असर बोर्ड के कामकाज पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब वक्फ बोर्ड में बड़े बदलाव होंगे तो वक्फ संपत्तियां भी खतरे में आ जाएंगी, क्योंकि एक खास एजेंडे के तहत नया विधेयक आया है।

पंजाब में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां बठिंडा जिले में हैं, जहां 9,405 संपत्तियों की पैमाइश की गई है, जो कुल संपत्तियों का लगभग 90 प्रतिशत है। अमृतसर जिले में 52.89 प्रतिशत संपत्तियां अतिक्रमित हैं, जबकि होशियारपुर जिले में 74.41 प्रतिशत संपत्तियां अवैध रूप से अतिक्रमित हैं।

WAQF बोर्ड को संपत्ति से सालाना 50 से 60 करोड़ आय… अनुमान 200 करोड़ का

पंजाब वक्फ बोर्ड को इस समय वक्फ संपत्तियों से सालाना 50 से 60 करोड़ रुपये की आय हो रही है, जबकि अनुमान है कि यह आय सालाना 200 करोड़ रुपये से अधिक है। पंजाब में सबसे अधिक संपत्तियां 19,886 मकान हैं, जबकि 14,427 कब्रिस्तान की संपत्तियां हैं।

खान के मुताबिक नया वक्फ संशोधन विधेयक अवैध अतिक्रमणकारियों को मदद पहुंचाएगा और ऐसी आशंका है कि इससे वक्फ बोर्ड की संपत्ति छिनने का रास्ता साफ हो जाएगा। नया संशोधन विधेयक हर संपत्ति पर विवाद पैदा करेगा।

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पारित होते ही वक्फ कानून में बड़े बदलाव होंगे। कानून के लागू होने के 6 महीने के भीतर हर वक्फ संपत्ति को सेंट्रल डेटाबेस पर रजिस्टर्ड करना अनिवार्य होगा।

वक्फ को डोनेशन में दी गई हर जमीन का ऑनलाइन डेटाबेस होगा और वक्फ बोर्ड इन प्रॉपर्टीज के बारे में किसी बात को छिपा नहीं पाएगा। किस जमीन को किस व्यक्ति ने डोनेट किया, वो जमीन उसके पास कहां से आई, वक्फ बोर्ड को उससे कितनी इनकम होती है, उस प्रॉपर्टी की देख-रेख करने वाले ”मुतव्वली” को कितनी तनख्वाह मिलती है, ये जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर मुहैया होगी। इससे वक्फ की प्रॉपर्टीज में ट्रांसपरेंसी आएगी और वक्फ को होने वाला नुकसान भी कम होगा।

बड़े बदलाव के साथ नुकसान भी

एक बड़ा बदलाव यह भी आएगा कि गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना जरूरी होगा। वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं के साथ दूसरे धर्म से जुड़े दो लोग शामिल होंगे। वक्फ बोर्ड में नियुक्त किए गए सांसद और पूर्व जजों का भी मुस्लिम होना जरूरी नहीं होगा।

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