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पूर्व कृषि मंत्री स्व. मास्टर गुरबंता सिंह को 44वीं पुण्य तिथि पर MLA चौधरी ने दी श्रद्धांजलि

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जालंधर। पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री मास्टर गुरबंता सिंह को सोमवार उनकी 44वीं पुण्य तिथि के अवसर पर उनके पैतृक गांव धालीवाल में याद किया गया और उनके पोते फिल्लौर MLA विक्रमजीत सिंह चौधरी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस मौके जालंधर उपचुनाव 2023 के लिए कांग्रेस उम्मीदवार करमजीत कौर चौधरी ने अखंड पाठ का करवाया।

पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री मास्टर गुरबंता सिंह की 44वीं पुण्य तिथि के अवसर पर उनके पैतृक गांव धालीवाल में उनके पोते फिल्लौर MLA विक्रमजीत सिंह चौधरी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए। इस मौके जालंधर से कांग्रेस की तरफ से उपचुनाव 2023 के लिए उम्मीदवार करमजीत कौर चौधरी ने अखंड साहिब का पाठ रखवाया।

विधायक चौधरी ने कहा कि मास्टर गुरबंता सिंह को दबे-कुचले लोगों का मसीहा बताते हुए कहा कि स्वर्गीय मास्टर गुरबंता सिंह एक महान समाज सुधारक, विद्वान, योग्य प्रशासक और पंजाब के सबसे बड़े दलित नेता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने हरित क्रांति लाने में मास्टर गुरबंता सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रताप सिंह कैरों की सरकार में कृषि मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों की स्थापना के साथ हरित क्रांति की नींव रखी गई थी।

विधायक चौधरी ने कहा कि मास्टर गुरबंता सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन 1932 में शुरू किया, जब समाज जातिवाद में बुरी तरह से डूबा हुआ था और उन्होंने मंगू राम और अन्य लोगों के साथ मिलकर आद धर्म मंडल, जालंधर के तत्वावधान में विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ क्रांति शुरू की। समाज से अस्पृश्यता और असमानता को दूर करने के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया।

मास्टर गुरबंता सिंह पहली बार 1945 में संयुक्त पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए और 1977 तक विधायक रहे। वह लोगों के बीच इतने लोकप्रिय थे कि 1972 के विधानसभा चुनाव में उन्हें निर्विरोध चुना गया। वह विभाजन से पहले सर खिज्र हयात खान तिवाना सरकार की मंत्रिपरिषद में थे, फिर वह प्रताप सिंह कैरों और ज्ञानी जैल सिंह की सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री थे। वे हर गांव में खाली पड़ी सरकारी जमीनों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति के लोगों को आवंटित करते हैं। उन्होंने नामदारों की नियुक्ति करने, स्कूलों और कॉलेजों में एससी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने, रोजगार और पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने, छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए मामूली ब्याज पर ऋण प्रदान करने और एससी को ग्राम संघों में भाग लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने दोआबा क्षेत्र में कई स्कूल और कॉलेज भी खोले जो सभी छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल कर रहे हैं।

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