Big News : पूर्व-CM बेअंत सिंह का हत्या के दोषी जगतार सिंह तारा जालंधर में दर्ज UAPA केस में बरी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी पेशी
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। जालंधर के गोराया थाने में दर्ज UAPA केस में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी जगतार सिंह तारा को बुधवार को कोर्ट ने बरी कर दिया। इससे पहले उसे जालंधर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। जालंधर देहात के थाना गोराया में तारा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (यूएपीए) और आर्म्स एक्ट एक केस दर्ज था। इस मामले में कोर्ट ने तारा को बरी कर दिया है। पहले चर्चा थी कि तारा को कोर्ट लेकर आया जाएगा, मगर फिर तारा की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
जगतार सिंह तारा के वकील केएस हुंदल ने बताया कि साल 2012 में में तारा के खिलाफ गोराया थाने में केस दर्ज हुआ था। बीती 20 तारीख को कोर्ट में बहस हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने आज सुनवाई का समय रखा था। आज कोर्ट में तारा को बरी कर दिया। तारा के बरी होते ही जालंधर के सिख संगठनों के खुशी जताई। 2004 में 20/21 जनवरी की मध्यरात्रि में बुडै़ल जेल की बैरक नंबर-7 में बंद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह हत्या के दोषी जगतार सिंह तारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, उनके कुक और हत्या के मामले संलिप्त देव सिंह देवी सुरंग खोदकर जेल से भाग गए थे।
आरोपियों ने बैरक में टॉयलेट सीट को उखाड़कर अंदर ही अंदर 94 फीट लंबी सुरंग खोदी थी। इस सुरंग में एक समय पर एक व्यक्ति जा सकता था। सुरंग खोदने के समय मिट्टी यहां वहां न गिरे, इसके लिए आरोपी साथ-साथ मिट्टी का लेप कर देते थे। सुरंग बुडैल जेल की दीवार तक खोदी गई जहां तक पहुंचने के बाद आरोपी दीवार फांदकर भागे।आरोपियों ने सुरंग का मुंह खेतों की तरफ खोला था। वहां से निकलने के बाद 15-20 कदम की दूरी तक पहुंचकर दीवार फांद भाग गए थे। दीवार पर कांच के टुकड़े लगे थे, लेकिन उन पर कपड़ा डालकर आरोपी फरार हुए थे।
UAPA केस- भतीजी की शादी के लिए मांगी थी 5 घंटे की पैरोल, 2 घंटे की मिली थी
बता दें कि तारा ने बीते साल कोर्ट में अपने वकील के जरिए एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि 3 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक की पैरोल दी जाए। कोर्ट ने बचाव पक्ष और पुलिस का पक्ष सुनने के बाद तारा की 2 घंटे की पैरोल मंजूर की थी। पुलिस ने 1 बजे तारा को बख्तर बंद गाड़ी में बैठा लिया था। बाद में दोबारा तारा को बुड़ैल जेल भेज दिया गया था।