Canada News : कनाडा में इस सेवा में सख्ती से पंजाबियों पर सबसे ज्यादा असर, 21 जनवरी से लागू होंगे नए नियम
पंजाबियों पर सबसे बड़ा झटका, कुछ अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विदेशी श्रमिकों के पति या पत्नी ही पारिवारिक ओपन वर्क परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे
मनमोहन सिंह, पंजाब हॉटमेल
जालंधर।कनाडा सरकार देश के आर्थिक लक्ष्यों और श्रम बाजार की जरूरतों का समर्थन करते हुए अस्थायी निवासी कार्यक्रमों की अखंडता और गुणवत्ता को मजबूत करना जारी रख रही है। इसका सीधा असर पंजाब पर हो रहा है, जहां के लोगों की पहली प्राथकिता कनाडा है। कनाडा का वर्क परमिट लेकर पीआर लेना पंजाबी लोगों की पहली पसंद है लेकिन कनाडा सरकार ने अब 21 जनवरी से ओपन वर्क परमिट में सख्ती कर पंजाब के युवाओं को खासा झटका दिया है।
नई घोषणा के मुताबिक, 21 जनवरी, 2025 से केवल कुछ अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विदेशी श्रमिकों के पति या पत्नी ही पारिवारिक ओपन वर्क परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे।पारिवारिक ओपन वर्क परमिट उन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथी तक सीमित होंगे जो 16 महीने या उससे अधिक अवधि के मास्टर प्रोग्राम, डॉक्टरेट प्रोग्राम या चुनिंदा पेशेवर और पात्र प्रोग्राम में नामांकित हैं। पारिवारिक ओपन वर्क परमिट अलग अलग श्रेणी के विदेशी कर्मचारियों के जीवनसाथी तक भी सीमित होंगे।
प्राकृतिक और अनुप्रयुक्त विज्ञान, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, प्राकृतिक संसाधन, शिक्षा, खेल और सैन्य क्षेत्रों में व्यवसाय शामिल हैं, उनके परिजनों को ओपन वर्क परमिट में छूट दी जा सकती है। पूरी सूची 21 जनवरी, 2025 को उपलब्ध होगी। इसके अलावा, विदेशी कर्मचारी के पास उस समय वर्क परमिट पर कम से कम 16 महीने शेष होने चाहिए जब उसका जीवनसाथी ओपन वर्क परमिट के लिए आवेदन करता है। विदेशी कर्मचारियों के आश्रित बच्चे अब पात्र नहीं होंगे। पिछले उपायों के तहत स्वीकृत किए गए परमिट जो समाप्त नहीं हुए हैं, वह वैध रहेंगे।
ऐसी परिस्थितियों में जहाँ छात्रों को अपना कार्यक्रम पूरा करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता हो सकती है या जहाँ परिवार के सदस्यों को मुख्य आवेदक की तुलना में कम समय का वर्क परमिट मिला हो, कनाडा में परिवार के सदस्य (पति/पत्नी और आश्रित बच्चों सहित) अपने वर्क परमिट को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते कि वे मौजूदा वर्क परमिट के समान मानदंडों के तहत आवेदन कर रहे हों और नवीनीकरण की अनुरोधित अवधि मुख्य आवेदक के मौजूदा अध्ययन या वर्क परमिट से मेल खाती हो।
*इंटरनेशनल मास्टर डिग्री वाले विद्यार्थियों के जीवनसाथी केवल तभी वर्क परमिट के लिए पात्र होंगे अगर अध्ययन कार्यक्रम 16 महीने या उससे ज्यादा का हो।*
*विदेशी कर्मचारियों के जीवनसाथी केवल तभी अपने कार्य परमिट के लिए पात्र होंगे, जब कर्मचारी हाई स्किल (उच्च कौश) उच्च-मांग वाले क्षेत्र में कार्यरत हो।*
*पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट चाहने वाले इंटरनेशनल कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों को नई भाषा दक्षता आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।*
*कॉलेज कार्यक्रमों से इंटरनेशनल ग्रेजुएट्स केवल तभी वर्क परमिट के लिए पात्र होंगे, जब वे मान्यता प्राप्त श्रम की कमी से जुड़े अध्ययन के क्षेत्रों में हों। आईआरसीसी की वेबसाइट बताया पर स्पष्ट किया गया है कि यह उन लोगों पर लागू होगा जिन्होंने एक नवंबर 2024 को या उसके बाद स्टडी परमिट एप्लीकेशन सबमिट किया हो।*
*इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर का कहना है कि इन दो बदलावों से अगले तीन वर्षों में पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट की कुल संख्या में 175,000 की कमी आने की उम्मीद है।*
कनाडा अब वहां के स्थायी नागरिकों को प्राथमिकता दे रही है…
कनाडा में रहने वाले इमिग्रेशन एक्सपर्ट परविंदर सिंह मोंटू का कहना है कि कनाडीा अब वहां के स्थायी नागरिकों को प्रथामिकता दे रही है।कनाडा में बेरोजगारी की दर 6.4 तक पहुंच गई है, जो स्थानीय नागरिकों की है। पिछले वर्ष कनाडा की जनसंख्या वृद्धि का अधिकांश भाग लगभग 97% आप्रवासन के कारण हुआ। ट्रूडो और उनकी सरकार की सेवाओं या आवास निर्माण को बढ़ावा दिए बिना आव्रजन बढ़ाने के लिए आलोचना भी हुई है। इसका सबसे अधिक असर पंजाब के लोगों पर हो रहा है, जो बेतहर भविष्य के लिए कनाडा में बसने और काम करने का सपना देख रहे थे।