बड़ी खबर: सुखबीर सिंह बादल ‘तनखैया’ घोषित: तख्त श्री पटना साहिब ने सुनाई धार्मिक सजा, पहले अकाल तख्त साहिब ने दी थी सजा
स्पष्टीकरण के लिए दो बार बुलाया, लेकिन नहीं पहुंचे
पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़/पटना। पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को तख्त श्री पटना साहिब ने धार्मिक सजा सुनाते हुए दोबारा ‘तनखैया’ घोषित कर दिया है।

तख्त द्वारा उन्हें दो बार हाजिरी के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह तख्त पर पेश नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति और आदेश की अवहेलना को गंभीर मानते हुए यह कार्रवाई की गई।
क्या होता है ‘तनखैया’?
‘तनखैया’ का मतलब होता है धार्मिक अपराधी। सिख धर्म में यदि कोई व्यक्ति धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन करता है, तो उसे तख्त द्वारा ‘तनखैया’ घोषित किया जा सकता है।

ऐसे व्यक्ति को:किसी भी तख्त पर जाने की अनुमति नहीं होतीन ही वह किसी धार्मिक समारोह में अरदास करवा सकता हैजो कोई उसकी ओर से अरदास करता है, उसे भी दोषी माना जाता है।
तनखैया को मिलती है यह धार्मिक सजा
‘तनखैया’ को दी जाने वाली सजा पूरी तरह सेवाभाव और अनुशासन पर आधारित होती है।
इसमें शामिल हैं- गुरुद्वारों में सेवा करना जैसे बर्तन धोना, जूते साफ करना और फर्श की सफाईपाँचों ककार (कछहरा, कंघा, कड़ा, केश और कृपाण) धारण करना अनिवार्यरोजाना सुबह-शाम गुरु साहिब के सामने अरदास में शामिल होनाशारीरिक और मानसिक पवित्रता बनाए रखना जरूरी।
सजा पूरी होने पर होती है धार्मिक क्षमा
जब तनखैया व्यक्ति सजा की प्रक्रिया को पूरी श्रद्धा और सेवा के साथ पूरा कर लेता है, तो गुरुद्वारे में विशेष अरदास के माध्यम से उसे धार्मिक रूप से क्षमा किया जाता है और पुनः सामान्य धार्मिक अधिकार मिल जाते हैं।