Trump rule in America part 2: वर्षों से अमेरिका में रह रहे इतने लाख पंजाबियों के निर्वासन का खतरा बढ़ा… और बिगड़ेंगे हालात, पढ़ें
ट्रंप सरकार ने 20 इमिग्रेशन जज बर्खास्त किए, 35 लाख केस लंबित
पंजाब हॉटमेल ब्यूरो, जालंधर। Trump rule in America part 2) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रत्याशित रूप से 20 इमिग्रेशन जजों को बिना किसी पूर्व सूचना के बर्खास्त कर दिया है। इस फैसले से उन 35 लाख लोगों में चिंता बढ़ गई है, जिन्होंने शरणार्थी दर्जे के लिए आवेदन किया था।

इन जजों की बर्खास्तगी के कारण मामलों में और देरी होने की संभावना है, जिससे वर्षों से अमेरिका में रह रहे पंजाबी मूल के लगभग 14 लाख लोगों के निर्वासन का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका में रहने वाले राणा टुट के अनुसार इस कारण काफी पंजाबी युवाओं को नुकसान होगा।इमिग्रेशन कोर्ट सिस्टम पहले से ही लंबित मामलों के भारी बोझ से दबा हुआ है, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं में वर्षों की देरी हो रही है।

पंजाबी समुदाय के लिए अमेरिका में लंबे समय से कार्यशील वरिष्ठ लेखक बलविंदर सिंह बाजवा के अनुसार, इन लंबित मामलों में 40% मामले पंजाबी मूल के लोगों से संबंधित हैं।लिहाजा केसों के लटकने से उनको भी डिपोर्ट किया जा सकता है। जून 2024 में पांच लाख अप्रवासियों को कानूनी दर्जा देने की पेशकश की थी। इन आव्रजन न्यायाधीशों को तकनीकी रूप से उनके प्रशासन की ओर से लाया गया था।
ट्रंप प्रशासन के कदम
ट्रंप प्रशासन ने मामलों को तेजी से निपटाने के प्रयास में इमिग्रेशन जजों पर दबाव बढ़ा दिया था। पिछले महीने, न्याय विभाग ने निर्वासन का सामना कर रहे लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले गैर-सरकारी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी रोक दी थी। यह बर्खास्तगी ट्रंप की दो प्रमुख प्राथमिकताओं सामूहिक निर्वासन और संघीय सरकार के आकार को कम करने को प्रभावित करती है।
केसों को सिस्टम से गुजरने में समय लगता है : टुट
अमेरिका के रहने वाले राणा टुट का कहना है कि आव्रजन न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण देश में अवैध अप्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है। चूंकि मामलों को सिस्टम से गुजरने में बहुत समय लगता है, इसलिए प्रतीक्षा करने वाले कई लोग अपने समुदायों में जड़ें जमाना शुरू कर देते हैं। निश्चित तौर पर इमिग्रेशन प्रकिया धीमी हो जाएगी और इसका नुकसान काफी पंजाबी युवाओं को होगा।

कनाडा में भी प्रभाव
कनाडा में भी इमिग्रेशन विभाग (आईआरसीसी) ने अगले तीन वर्षों में अपने कर्मचारियों में 25% कटौती करने की घोषणा की है, जबकि वहां भी 22 लाख आवेदन लंबित हैं। इससे कनाडा में भी पीआर का प्रोसेस धीमा हो जाएगा।