ये मौतें नहीं सवालों का समंदर! Singer जवंदा और बॉडीबिल्डर Varinder Ghumman की मौत मामले में Fortis हॉस्पिटल को देना होगा जवाब… परिजन बोले- #We want Justice
सिंगर राजवीर जवंदा मौत मामला: हाईकोर्ट में याचिका दायर, अस्पताल पर लापरवाही के आरोप, पुलिस रिपोर्ट में एक्सीडेंट से नहीं हुई थी मौत
चंडीगढ़, पंजाब हॉटमेल (मनमोहन सिंह): पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा (35) की सड़क हादसे में मौत के बाद अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है।

एडवोकेट नवकिरण सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि हादसे के बाद अस्पताल ने समय पर फर्स्ट एड तक नहीं दी, जिससे स्थिति बिगड़ती चली गई।

याचिका में यह भी मांग की गई है कि भविष्य में ऐसे मामलों में त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अस्पतालों में ठोस व्यवस्था बनाई जाए।
पहले हिमाचल हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका
एडवोकेट नवकिरण सिंह ने बताया कि शुरुआत में यह समझा गया था कि हादसा हिमाचल में हुआ है, इसलिए पहले हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। बाद में जब पता चला कि घटना स्थल हरियाणा के पिंजौर में है, तो उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) की कॉपी ली।
डीडीआर में दर्ज है कि राजवीर को अस्पताल में फर्स्ट एड नहीं दी गई। इसी आधार पर याचिका में चिकित्सा लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई और बेहतर इलाज व्यवस्था की मांग की गई है।
बॉडी बिल्डर वरिंदर घुम्मन की मौत पर उठे सवाल, परिवार बोला “हम चाहते हैं सच सामने आए”
जालंधर। प्रसिद्ध बॉडी बिल्डर और अभिनेता वरिंदर सिंह घुम्मन (43) की मौत के बाद उनके परिवार ने अब न्याय की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर #JusticeForVarinderGhuman हैशटैग लगाकर लिखा —“ये सिर्फ एक मौत नहीं, सवालों का समंदर है।

”9 अक्टूबर को वर्कआउट के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी थी और अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।
परिवार के सवाल: “नेचुरल डेथ थी तो बॉडी का रंग कैसे बदला?”
परिवार ने अपनी पोस्ट में लिखा कि अगर मौत नेचुरल थी, तो बॉडी का रंग कैसे बदल गया, और ऑपरेशन थिएटर की वीडियोज व अन्य सबूत कहां हैं?उन्होंने कहा कि यह मेडिकल नेग्लीजेंसी का मामला लग रहा है, और इसकी पूरी जांच जरूरी है।

दोनों केसों से उठे सिस्टम पर सवाल
राजवीर जवंदा और वरिंदर घुम्मन की मौतों ने मेडिकल सिस्टम की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक ओर जवंदा केस में अस्पताल की लापरवाही, तो दूसरी ओर घुम्मन केस में परिवार का साजिश का शक — दोनों घटनाओं ने समाज में जवाबदेही और पारदर्शिता की जरूरत को फिर से उजागर किया है।