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किस्सा कुर्सी का: वनीत की लॉबिंग में लगे इस तिकड़ी के आगे टिक नहीं पाए AAP के कई पुराने दिग्गज, डिप्टी मेयर का पद इस नेत्री ने खास को दिलवाया… पढ़ें

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निगम की राजनीति का अनुभव रखने वाले वनीत धीर की जीत और कई दिग्गजों की हार के बाद लगातार हुई थी उनके नाम पर चर्चा, तीनों कैटेगरी को भी साधा!

मनमोहन सिंह

जालंधर। आखिरकार जालंधर को मेयर विनीत धीर मिल गया है। 21 दिसंबर के बाद से पूरे 21 दिन लगे मेयर का नाम तय करने में। आम आदमी पार्टी के लिए काफी मुश्किल की घड़ी थी कि चंद दिन पहले भाजपा से आने वाले को मेयर की कुर्सी पर बैठाना क्या ठीक रहेगा ? लेकिन राज्यसभा सांसद व एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल, पंजाब हॉकी के प्रधान नितीन कोहली व ठेकेदार इंद्रजीत बजाज का सिक्का चला और उनकी लॉबिंग के आगे तमाम धाराशायी हो गए।

य ह किसी से छिपा नहीं है कि एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल की आप के संयोजक अरविंद केजीरवाल के साथ काफी अच्छा तालमेल है। वहीं पंजाब हॉकी के प्रधान नितीन कोहली ट्रेसर शू कंपनी के मालिक के अलावा पंजाब की नामचीन हस्ती है और उनका सिक्का दिल्ली तक चलता है।

जबकि इंद्रजीत बजाज का तालमेल पंजाब के सीएम हाऊस में काफी अच्छा है और उनका ट्यूनिंग सीएम के ओएसडी राजबीर सिंह के अलावा महासचिव संदीप पाठक के निकटवर्ती जगरूप सेखवां के साथ काफी अच्छी है। वहीं ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन काकू आहलूवालिया ने भी आप को बहुमत तक ले जाने में पूरी ताकत लगाकर रखी थी।

वह भी विनीत धीर के हक में थे। लिहाजा, तीनों की तरफ से तैयार की गए चक्रव्यूह को विरोधी भेद नहीं पाए। हालांकि कतार में अमित ढल्ल के अलावा अश्वनी अग्रवाल भी थे। दोनों की तरफ से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल तक पहुंच की गई लेकिन मित्तल-कोहली-बजाज के आगे टिक नहीं पाए। हालांकि जालंधर के विधायकों द्वारा भी किसी अन्य चेहरे के लिए लॉबिंग की गयी लेकिन तीनों के चक्करव्यूह के आगे सब कुछ धाराशयी हो गया।

इस पद पर रमन अरोड़ा ने अपने करीबी के लिए झोंक दी थी ताकत, कामयाब भी रहे

वहीं केंद्रीय हल्के से विधायक रमन अरोड़ा अपने निकटवर्ती बलबीर बिट्टू को सीनियर डिप्टी मेयर बनवाने में कामयाब हो गए। रमन अरोड़ा ही बिट्टू को अकाली दल से लेकर आये थे। बिट्टू व उसकी पत्नी कर्मजीत कौर दोनों ने चुनाव लड़ा था और दोनों आप की टिकट पर जीत गए थे। पहले माना जा रहा था कि कर्मजीत कौर को सीनियर डिप्टी मेयर की कुर्सी मिलेगी ताकि महिला भी एडजस्ट हो सके लेकिन अंतिम क्षण में तय किया गया कि बलवीर बिट्टू एक तजुर्बेकार है और हाऊस को ढंग से चला सकते हैं। इसलिए उनकी पत्नी का नाम काटकर बिट्टू को सीनियर डिप्टी मेयर की कुर्सी दी गयी।

दोआबा की पॉवरफुल नेत्री ने दिखाया दम, अरुणा और लखोत्रा का पत्ता काटा

दोआबा की पॉवरफुल नेत्री व दिल्ली हाईकमान के निकट मानी जाने वाली राजविंदर कौर थियाड़ा भी अपने पसंदीदा मलकीयत सिंह को डिप्टी मेयर बनवाने में कामयाब हो गयी। हालांकि इस सीट के लिए तरसेम लखोत्रा व अरूणा अरोड़ा, वंदना तुलसी का नाम चल रहा था लेकिन थियाड़ा ने मलकीत सिंह के नाम पर मोहर लगा दी। थियाड़ा का दिल्ली में आप की टॉप लीडरशिप में काफी अच्छा रूतबा है और उसकी गिनती इमानदार व दमदार नेत्रियों में की जाती है। लिहाजा, डिप्टी मेयर की सीट पर थियाड़ा की मोहर लगी।

सभी वर्गों को साधा, पद में जनरल-सिख-जाट और एससी कैटेगरी को दी अहमियत

वहीं आप की तरफ से पूरा तालमेल बनाया गया है। जनरल केटेगरी से मेयर विनीत धीर, जाट सिख चेहरे बलवीर सिंह को सीनियर डिप्टी मेयर व दलित समुदाय से मलकीयत सिंह को डिप्टी मेयर की कुर्सी दी गयी है।

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