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Political Review : अगले 4 महीने में 3 राज्यों के इलेक्शन में BJP को बूस्ट देगी हरियाणा की जीत, 6 States की 28 सीटों पर भी उप-चुनाव… किसे फायदा-नुकसान!

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BJP की अगली चुनौती महाराष्ट्र-झारखंड और दिल्ली, सत्ता बचाने और फिर वापसी का हो रहा खाका तैयार; मराठा आंदोलन बिगाड़ न दे गणित… पढ़ें विश्लेषण

पंजाब हॉटमेल ब्यूरो, नई दिल्ली/हरियाणा/यूपी/बिहार/जेएंडके/एमपी/झारखंड। दो राज्यों में रिजल्ट में भले ही BJP की एक राज्य में सरकार बनी है लेकिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले चुनावों में बूस्ट देने का काम करेंगे। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन 15 साल बाद सरकार बनाने जा रहा है। दूसरी तरफ हरियाणा में BJP ने रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। हरियाणा के गठन के बाद से अब तक कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार नहीं बना सकी है।

BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हरियाणा चुनाव में जीत पर भाजपा मुख्यालय नई दिल्ली में अभिनंदन करते हुए।

हरियाणा की जीत से बीजेपी को बूस्ट मिला है, जिसका असर अगले 3 महीने के भीतर होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे सकता है। लोकसभा चुनाव में BJP को 240 सीटें मिली थीं, जो 2019 के चुनाव की 303 सीटों से 63 कम है।

यह भाजपा के लिए बड़ा झटका था। कयास लगाए जाने लगे थे कि अब भाजपा का ग्राफ उतार पर है। हरियाणा की जीत से पार्टी को बूस्ट मिला है, जिसका असर अगले 3 महीने के भीतर होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे सकता है।

महाराष्ट्र में NDA की गठबंधन सरकार है जिसका कार्यकाल 26 नवंबर, 2024 और झारखंड का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को खत्म हो रहा है। वहीं दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग दशहरे के बाद महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। 6 राज्यों की 28 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी साथ में हो सकता है।

महाराष्ट्र: BJP लोकसभा चुनाव में 23 से 9 पर सिमटी, आरक्षण को लेकर मराठा आंदोलन ने नींव हिलाई… विपक्ष को सिंपैथी वोट मिलेंगे!

नवंबर में होने वाले विधानसभा इलेक्शन बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, भाजपा और NCP अजित पवार गुट की सरकार है। एंटी इन्कंबेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। जिसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 के मुकाबले 2024 में BJP की लोकसभा की सीटें आधी रह गई। 2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।

इनमें BJP को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव से NDA को 41 सीटें मिली थीं। 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम। 2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमट जाएगी। विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिंपथी है।

पंजाब-यूपी-एमपी सहित 6 राज्यों की 28 सीटों पर होने हैं उप-चुनाव

लोकसभा इलेक्शन के बाद खाली हुई सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इसमें उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा 10 सीटें हैं, राजस्थान में 6, पंजाब में 5, बिहार में 4, मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़ में एक सीट पर उपचुनाव होना है।

इनमें से पंजाब छोड़कर सभी जगह भाजपा सत्ता में है।

लिहाजा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर से लड़ने के साथ कैंडिडेट का लोकल कनेक्ट ही चुनाव नतीजे तय करेगा।

झारखंड में भी एलाइंस की गठबंधन सरकार, BJP को संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल में पाना होगा पार!

दूसरे नंबर पर झारखंड विधानसभा है जिसका कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यहां महागठबंधन यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार है।

इसमें कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं।

भाजपा को झारखंड में सरकार बनाने के लिए संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों पर फोकस करना होगा।

दिल्ली: 10 साल से BJP सत्ता से बाहर, भ्रष्टाचार के मुद्दे से आस पर केजरीवाल के बराबर का CM चेहरा नहीं

चुनाव लिस्ट में अगला नंबर राजधानी दिल्ली का है, जहां पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में है और कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नवंबर में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। यहां BJP के लिए सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार है जिसके नाम पर केजरीवाल लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और अब शराब घोटाले के बाद कुर्सी छोड़ दी।

शराब नीति घोटाले में 13 सितंबर को जमानत के बाद उन्होंने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दिया था। यहां आप के मजबूत किले को भेदना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल है,

क्योंकि पिछले दो चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने लगभग क्लीन स्वीप कर दिया था। क्योंकि अन्य पार्टियों के पास केजरीवाल जैसा CM चेहरा नहीं है।

लोकसभा के साथ 4 राज्यों में भी हुए थे विधानसभा चुनाव

2024 में लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव हुए। लोकसभा में भाजपा अकेले बहुमत का आंकड़ा तो पार नहीं कर पाई, लेकिन सहयोगियों के दम पर रिकॉर्ड लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। मोदी पहले गैर कांग्रेसी चेहरे हुए जो तीसरी बार PM बने। इस साल लोकसभा चुनाव के साथ 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव, फिर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव हुए। आंध्र प्रदेश में TDP के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। चंद्रबाबू नायडू CM बने। ओडिशा में पहली बार भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ मोहन चंद्र माझी के नेतृत्व में सरकार बनाई। अरुणाचल में भाजपा ने लगातार तिसरी बार सरकार बनाई। सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने सरकार बनाई। अब हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव खत्म हो गए।

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