PHM Exclusive : गुरु नानक फाउंडेशन GLOBAL SCHOOL प्रबंधन की लापरवाही से जा सकती थी बच्चों की जान, हादसे में बाल-बाल बचे… मालिक बोले- गाड़ी कौन हम चलाते हैं
SCHOOL वैन में सवार थे 3-4 कक्षा के विद्यार्थी, घटना का पता चलते ही परिजन बच्चे घर ले गए, बोले- शिकायत करेंगे
SCHOOL वैन में ना फर्स्ट एड बॉक्स, न फायर एस्टिंग्यूसर, सीसीटीवी भी नहीं, बच्चे कैसे पहुंचते हैं इससे किसी को फर्क नहीं
जालंधर। शहर के मशहूर गुरु नानक फाउंडेशन GLOBAL SCHOOL प्रबंधन की लापरवाही से स्कूली बच्चों की जान जाते-जाते बच गई। घटना बुधवार सुबह की जब अर्बन एस्टेट फेज-2 से स्कूल की वैन तीसरी और चौथी कक्षा के बच्चों को लेकर स्कूल आ रही थी कि ड्राइवर की लापरवाही से कार के साथ टकरा गई। जिसमें वैन के आगे से छतिग्रस्त हो गई, जबकि पीछे बैठे बच्चों पर साइड और पीछे का कांच टूटने से टुकड़े गिरने पर हल्की चोटें आई। स्कूल वैन चालक की गलती के बाद कार चालकों के साथ अन्य लोगों ने जमकर लताड़ा लेकिन स्कूली बच्चों की वजह से वहां जूलों में मौजूद पुलिस ने मामला थाना पहुंचने से पहले राजीनामा करवा दिया। जिसके बाद छतिग्रस्तगाड़ी लाकर स्कूल में खड़ी कर दी। वहीं दूसरी ओर जब परिजनों को हादसे के बारे में पता चला तो वह मौके पर पहुंचे और बच्चों को घर ले गए। बोले इस तरह की सुरक्षा अगर स्कूल वैन में है तो वह इसकी शिकायत करेंगे।
वहीं स्कूल सुपरवाइजर जतिंदर ने कहा कि ये सिर्फ हादसा है बच्चों का बचाव हो गया। वहां मौजूद जूलो पुलिस ने राजीनामा करवा दिया था। वहीं मालिकों को हादसे के बाद भी कोई परवाह नहीं है क्योंकि जिस गाड़ी से बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचाया जा रहा था वह कैसी है उन्हें पता ही नहीं था जैसा उन्होंने बातचीत में कहा। जबकि वैन पर लगे स्टीकर बता रहे थे कि वह कितनी पुरानी है कब से स्कूल के बच्चों के लेकर आने-जाने के काम में लगी है। जबकि प्रबंधन ये कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है कि आज ही गाड़ी आई थी।
मालिक प्रताप सिंह बोले- हमें सिर्फ बच्चों के स्कूल पहुंचने से मतलब, गाड़ी कैसी है हम चैक नहीं करते, गलती ड्राइवर की
स्कूल मालिक प्रताप सिंह ने बात की तो वह बच्चों की जान जोखिम डालने को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं थे। उन्होंने कहा कि गाड़ी एजेंसी की है और गाड़ी कैसी है हम चैक नहीं करते, हमें बच्चों के स्कूल और घर पहुंचाने से मतलब है। वैन में सेफ्टी के एक भी पैमाने ना होने, फर्स्ट एड किट, फायर, सीसीटीवी और ट्रैकिंग सिस्टम ना होने पर बोले कि इसमें हम क्या कर सकते हैं। हादसा हुआ है बच्चों तो ठीक है, बाकी ड्राइवर की गलती है और एजेंसी की। गाड़ी कौन हम चलाते हैं जो स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होगा। हमें एजेंसी ने लिखकर दिया था कि गाड़ी ठीक नहीं है दूसरी भेज रहे हैं।