अब “DJ वाले बाबू” को फंक्शन में बजाएंगे तो तगड़ा जुर्माना भुगतेंगे, फरमाइशें पड़ेंगी मंहगी… ये रही बड़ी वजह
गाना अब पूछकर ही बजाना, लाइसेंस बिना गाने बजाने पर होगा केस, नॉन कमर्शियल, निजी समारोहों में नहीं होगी कार्रवाई
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। बड़े होटलों, मैरिज पैलेसों में शादी समारोह या अन्य कार्यक्रमों के दौरान बाराती, गेस्ट अपने पसंदीदा गाने बजाने की फरमाइश करते हैं। होटल, रेस्टोरेंट्स के डीजे की कोशिश होती है कि किसी भी गेस्ट को नाराज न किया जाए। मेहमान खुश तो सभी खुश।

लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल होगा। जिस कंपनी का गाना है उसकी इजाजत लिए बिना गाने बजाने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। नियम सख्ती से लागू करने के लिए म्यूजिक कंपनियों ने अपने कर्मचारी तैनात कर दिए हैं।
एक खास एप की मदद से कर्मचारी होटल, रेटोरेंट्स में बजने वाले गानों की पहचान कर संबंधित कंपनी को सूचित करेंगे। प्रत्येक गाने पर कर्मचारी को 1 हजार रुपए की पेमेंट होगी।
रेस्टोरेंट, बार, होटल, शॉपिंग मॉल, स्टोर जिम, सैलून, पब्लिक इवेंट, शादी, कॉर्पोरेट पार्टी आदि में बिना लाइसेंस मनमर्जी का म्यूजिक बजाने पर 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। खास बात यह है कि नॉन कमर्शियल जगहों पर होने वाले आपके निजी कार्यक्रमों पर ऐसी कोई भी सख्ती नहीं होगी।
निजी कार्यक्रमों में आप दिल खोलकर अपने पसंदीदा गानों पर थिरक सकते हैं। पंजाब में शुभ कार्यक्रमों का मुहूर्त शुरू हो चुका है।
आने वाले दिनों में हो सकता है कि होटल, रेस्टोरेंट्स या अन्य कमर्शियल जगहों पर आपके फरमाइशी गाने न चलाए जा सकें। आपको डीजे वाले की चॉइस पर ही संतोष करना पड़ेगा।
डीजे पर गाना बजाने का लाइसेंस ऑनलाइन मिल जाता है। पैसे कंपनी के खाते में जमा करवाने होंगे। अगर किसी ने पैसे जमा नहीं करवाए हैं तो गाना बजाना अवैध माना जाएगा।
कॉपीराइट धारकों से संगीत बजाने के लिए उचित लाइसेंस लेना आवश्यक है। इसके बिना कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जिसमें जुर्माने व सजा शामिल हैं। जुर्माना व सजा कितनी होगी, इसका फैसला कोर्ट करेगी।
शहर के होटल संचालकों का कहना है कि फिलहाल पूरी डिटेल की जानकारी नहीं है। नोटिफिकेशन या पूरी जानकारी मिलने पर ही कमेंट कर सकेंगे। नियमों का पालन यकीनी बनाया जाएगा।
पैलेस मालिकों से फीस मांगने लगीं कंपनियां…
गाने रिलीज करने वाली कंपनियां पैलेस, होटल मालिकों से कॉपीराइट्स के तहत फीस मांगने लगी हैं। फीस नहीं देने पर 40 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
नोटिस का जवाब नहीं देने पर कोर्ट केस हो सकता है। कंपनियों के कर्मचारी शादियों में बजने वाली संगीत पर नजर रखेंगे। कर्मचारी अपने एप पर गाना रिकॉर्ड करकंपनी को भेजेंगे।
फिर कंपनी नोटिस जारी करेगी। प्रति गाने के हजार रुपए मिलने से उन बेरोजगारों को फायदा होगा जो मैरिज सीजन में काम की तलाश में हैं। लाइसेंस लेने के लिए कंपनी के साथ संपर्क करना होगा।
