Breaking New : Jalandhar फायरिंग केस में नया मोड..
एनआरआई पुलिस ने Jalandhar के नामवर वकील पर किया केस दर्ज
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। जालंधर। Jalandhar गुजराल नगर में 2 माह पहले वकील गुरमोहर सिंह के घर पर फायरिंग के मामले में बड़ा ट्विस्ट आ गया है। कमिश्नर पुलिस की टीम ने 2 माह पहले रविवार रात रिटायर्ड सेशन जज किशोर कुमार, रिटायर्ड तहसीलदार मनोहर लाल और एनआरआई बलराज पाल सिंह दोसांझ और उनके बेटे लतिंदर सिंह पर फायरिंग करने के आरोप लगे थे और मामला दर्ज हुआ था। वहीं इस मामले में अब एनआरआई थाने की पुलिस ने उसी परिवार की शिकायत पर एडवोकेट गुरमोहन सिंह व उसके एनआरआई दोस्त अमरप्रीत औलख पर जाली दस्तावेज तैयार करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला एनआरआई पुलिस ने दर्ज किया है।
एनआरआई महिला बलराज पाल दोसांझ ने एनआरआई विंग पंजाब में शिकायत दी थी कि उसके मृतक पति रघुबीर सिंह दोसांझ के जाली दस्तावेज तैयार करके जालंधर के गांव प्रतापपुरा में स्थित उनकी जमीन हड़पने की कोशिश की गई। महिला ने आरोप लगाया कि इस मामले में उनका दामाद रहा अमरप्रीत सिंह औलख और उसका दोस्त एडवोकेट गुरमोहन सिंह शामिल हैं। इस मामले को लेकर एनआरआई विंग द्वारा मामले की जांच पटियाला के एनआरआई विभाग के डीएसपी को सौंपी गई थी।एनआरआई विंग पटियाला के डीएसपी की जांच में तथ्य सामने आए कि जो 3.5 एकड़ जमीन के सौदे का दस्तावेज अमरप्रीत औलख द्वारा पेश किया गया था, वो फर्जी था। बताया जा रहा हैकि जमीन सौदे के उक्त दस्तावेज पर एडवोकेट गुरमोहन सिंह के ड्राईवर व असिस्टेंट सर्वजीत सिंह के हस्ताक्षर बतौर गवाह करवाए गए थे। इस मामले के दौरान असिस्टेंट सर्बजीत सिंह ने पुलिस जांच में ब्यान दर्ज करवाए कि न तो उसके सामने सौदा हुआ और न ही रूपए का लेन देन। उसने रघुबीर दौसांझ को भी नहीं देखा। उससे हस्ताक्षर बाद में करवाए गए। एनआरआई थाना पुलिस ने जांच के बाद अमरप्रीत औलख और एडवोकेट गुरमोहन सिंह के खिलाफ 420, 423, 465, 467, 468, 471, 120 बी इत्यादि धाराओं के अधीन एफआईआर दर्ज की है।बता दें कि मामले की जांच के दौरान तथ्य सामने आए कि शिकायतकर्ता बलराज पाल के पति रघुबीर दोसांझ की गांव प्रतापपुरा में लगभग 16 एकड़ जमीन है। उक्त जमीन की वसीयत उसने साल 2009 मे अपनी पत्नी बलराज पाल अपने बेटे लतिन्द्र दोसांझ, बेटी निशवंत दोसांझ के नाम पर की थी। इस वसीयत में एडवोकेट गुरमोहन सिंह व उनके पार्टनर बतौर गवाह हस्ताक्षर किए थे।बता दें कि रघुबीर दोसांझ की बेटी निशवंत दौसांझ की शादी साल 2003 में लुधियाना को पक्खोवाल रोड़, विकास नगर निवासी अमरप्रीत सिंह औलख के साथ हुई थी। कुछ साल बाद दोनो में तनाव हो गया। अमरप्रीत औलख और निशवंत दोसांझ साल 2015 से ही कनाडा में अलग रहने लगे। बाद में कनाडा की अदालत में ही सितंबर 2019 में तलाक मंजूर हो गया था। अक्तूबर 2019 में रघुबीर दोसांझ ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री अपनी पत्नी बलराज पाल के नाम करवा दी। नवंबर 2019 में रघुबीर दोसांझ की मृत्यु हो गई।इसी बीच रघुबीर के दामाद अमरप्रीत औलख व उसके दोस्त एडवोकेट गुरमोहन सिंह ने मिलकर एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें दिखाया गया कि रघुबीर दोसांझ ने उनसे 40 लाख रूपए नकद लेकर अपनी 16 एकड़ जमीन में से 3.5 एकड़ का सौदा किया है और कब्जा भी दिया। इस संबंधी अमरप्रीत औलख द्वारा केस भी अदालत में दायर किया गया, लेकिन अदालत से केस खारिज हो गया। हालाँकि अभी तक गुरमोहन सिंह का कहना था कि वह केस लड़ने के लिए अर्टानी होल्डर हैं उनको केस से हटने के लिये डराया व धमकाया गया है।