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करप्शन कांड में नपेंगे विधायक: विजिलेंस की मांग पर स्पीकर से मिल गई अनुमति, सजा हुई तो चली जाएगी कुर्सी!

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अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को, स्पीकर से अप्रूवल के बाद शुरू होगा अरोड़ा पर ट्रायल, विजिलेंस ने कोर्ट में फाइल की स्टेटस रिपोर्ट

पंजाब हॉटमेल, जालंधर/चंडीगढ़। करप्शन कांड की साजिश में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ आखिरकार मुकदमा चलाने की अनुमति (प्रॉसीक्यूशन सेंक्शन) विधानसभा स्पीकर से मिल गई।

मंगलवार को एडिशनल सेशन जज जसविंदर सिंह (ट्रायल कोर्ट) में विजिलेंस ने स्टेटस रिपोर्ट फाइल करते हुए बताया कि अनुमति मिल गई है। विजिलेंस जल्द ही कानूनी प्रकिया पूरी करने के बाद अनुमति फाइल करेगा। केस की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।

स्पीकर से अनुमित करने के बाद अब विधायक के खिलाफ ट्रायल शुरू हो जाएगा। जिक्रयोग है कि 4 मई को विजिलेंस ने मामले में पहली गिरफ्तारी एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के तौर पर की थी। उसे करप्शन केस में मुख्यारोपी बनाया गया था।

विजिलेंस ने एटीपी के इकबालिया जुर्म पर विधायक रमन अरोड़ा को नामजद कर 23 मई को उन्हें अशोक नगर घर से अरेस्ट कर लिया था।

विधायक रमन अरोड़ा के पूछताछ के बाद उनके इकलौते बेटे राजन अरोड़ा, समधी राजू मदान, आढ़ती महेशमखीजा को नामजद किया गया था।

केस में राजन अरोड़ा को हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है तो राजू मदान की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। मखीजा, एटीपी और निगम इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर की गिरफ्तारी हुई थी। अब वे बेल पर हैं।

विधायक, मखीजा, हरप्रीत कौर व एटीपी सुखदेव वशिष्ठ चार्जशीट फाइल हो चुकी है। विजिलेंस ने 10 जुलाई को पत्र संख्या 2811 भेजकर स्पीकर से उक्त अनुमति मांगी थी, लेकिन 64 दिन तक नहीं आई थी।

हाईकोर्ट में आज सुनवाई, विधायक बोले- पद से इस्तीफा देने का दबाव बना रहे, कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण

भ्रष्टाचार के मामले में जेल में चल रहे विधायक रमन अरोड़ा के मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में आज कोई सुनवाई नहीं हो पाई। मामला मामला के लिए हाईकोर्ट में लिस्ट था। विधायक ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पंजाब सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार से अरोड़ा की अपील पर जवाब-तलब किया था। कोर्ट सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक मंगलवार को इस मामले में कोई सुनवाई नहीं ई सुनवाई नहीं हुई और कोर्ट की ओर से बुधवार को हेयरिंग रखी गई है।

अरोड़ा ने 3 सितंबर को उनकी पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए पंजाब सरकार पर आरोप लगाया था कि जमानत मिलने वाले दिन ही उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया।

ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पार्टी के भीतर उनके वैचारिक मतभेद चल रहे हैं। उन पर विधायकी से इस्तीफा देने का भारी दबाव है।

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