Jalandhar Mayor Politics: AAP का सर्वेक्षण पूरा, दलबदलुओं के खिलाफ जनता… अमन अरोड़ा तय करेंगे नाम, हलका इंचार्ज से मांगी दो नामों की सिफारिश; पढ़ें कौन आगे?
चुनावों में 38 सीट मिलीं, पर आजाद व अन्य पार्षद मिला कर 44 पर पहुंच गई आप
मनमोहन सिंह (जालंधर)। करीब दो साल की देरी के बाद आखिरकार जालंधर को नया मेवर मिलने जा रहा है। मेयर आम आदमी पार्टी का होगा, जिसको लेकर आप ने जमीनी स्तर पर सर्वे करवाया है। जो नाम आप के मेयर के लिए उछल रहे थे, उनको लेकर आप ने जमीनी स्तर पर लोगों की नब्ज टटोली है। सर्वे में यह बात उठी है कि चुनाव से ठीक पहले आप में आने वाले नेताओं को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर की कुर्सी न दी जाए, इनके खिलाफ शहर में नकारात्मक माहौल बना हुआ है। वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा की तरफ से नाम फाइनल कर हाईकमान को भेजे जाने हैं। इसे लेकर विधायक व हलका इंचार्ज से दो-दो नाम मांगे गए हैं।
जालंधर में 85 पार्षद चुने गए हैं। अब ध्यान शहर के अगले मेयर के चयन पर केंद्रित है, यह पद 2022 से खाली है। आप को चुनावों में 38 सीट मिली थी लेकिन आजाद व अन्य पार्टियों से पार्षद को लाकर आप 44 पर पहुंच गई है, जो बहुमत से एक अधिक है। दो साल बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं पार्टी वालंटियर में जान फूंकना चाहती है। आप को शहरी वर्ग में सीटें कम मिली हैं, पटियाला को छोड़कर बाकी स्थानों पर पेंच फंस गया है। आप को बहुमत नहीं मिला है।
निराश और नाराज 2022 में अहम भूमिका निभाने वाले नेता, समीकरण साधने में जुटी पार्टी
पार्टी हाईकमान तक नेताओं ने बात पहुंचाई है कि जिन नेताओं ने 2022 में आप के लिए जी- जान से मेहनत की, उनको किनारे लगाकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तरजीह दी जा रही है। इस कारण पार्टी का वालंटियर निराश है। पार्टी को बाहरी नेताओं को सिर पर नहीं बैठाना चाहिए। लिहाजा, पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा पर खासा प्रेशर है। जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें अश्विनी अग्रवाल सबसे आगे चल रहे हैं। कथित तौर पर इस दौड़ में अन्य दावेदारों में विनीत धीर, अमित ढल्ल और अरुणा अरोड़ा शामिल हैं।मजबूत उम्मीदवार विनीत धीर पहले भाजपा से जुड़े थे। उनकी पत्नी श्वेता धीर भी भगवा पार्टी के बैनर तले पार्षद रह चुकी हैं। वह बेदाग हैं और पार्टी हाईकमान तक उनकी खासी पकड़ है। उनके लिए दिल्ली से ताकतवर लॉबी काम कर रही है। चार बार की कांग्रेस पार्षद अरुणा अरोड़ा, जो हाल ही में आप में शामिल हुई हैं, भी इस दौड़ में हैं।
पार्टी बदलने के बाद अपना पांचवां चुनाव जीतने वाली अरोड़ा अपने समर्पण और व्यक्तिगत संबंधों के कारण सत्तारूढ़ पार्टी में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गई हैं, लेकिन उनके लिए दिक्कत यह है कि वह चुनाव से चंद दिन पहले आप में आई हैं। अमित ढल्ल व अग्रवाल पुराने कार्यकर्ता हैं और 2022 से पहले पार्टी में थे। वहीं, पार्टी की तरफ से फार्मूला तैयार किया जा रहा है कि किसी आम गरीब व जमीन से जुड़े आप पार्षद को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठकर वालंटियर को ताकत दी जाए जो 2027 में उनके लिए ऑक्सीजन का काम करे। आप प्रधान अमन अरोड़ा इस पर पूरा मंथन कर रहे हैं और शहर के नामचीन लोगों में रायसुमारी कर रहे हैं।