IPS Suicide Case: अब रोहतक में पुलिसकर्मी ने किया सुसाइड, वीडियो में कहा-पूरन भ्रष्ट अफसर!
आईपीएस के गनमैन को अरेस्ट किया था एएसआई ने, आईपीएस पूरन का 9वें दिन होगा पोस्टमार्टम
परिजन बोले- पूरन की पत्नी अमनीत पर एफआईआर तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
रोहतक / चंडीगढ़ (Punjab Hotmail): आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड केस पेचीदा हो गया है। मंगलवार दोपहर 1:30 बजे रोहतक साइबर सेल के एएसआई संदीप कुमार लाठर ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। मरने से पहले संदीप ने 6 मिनट का वीडियो 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है।

इसमें पूरन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संदीप ने कहा कि ईमानदार अधिकारी नरेंद्र बिजारनिया ने पूरन कुमार का सामना किया था। आईजी ऑफिस में ट्रांसफर के नाम पर महिला कर्मचारियों का यौन शोषण होता था। कर्मचारियों से पैसे वसूले जाते थे।

एक मामले में एक व्यापारी से 50 करोड़ की डील की थी। शराब कारोबारी से मंथली वसूली जा रही थी। हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया तो में साथ था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एएसआई संदीप ने आईजी पूरन कुमार के गनमैन रहे हवलदार सुशील कुमार की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी में भूमिका निभाई थी।
संदीप के मामा के बेटे संजय ने कहा कि जब तक पूरन कुमार की पत्नी सीनियर आईएएस अमनीत पी. कुमार पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी, तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
रोहतक के एसपी एसएस भोरिया ने कहा, ‘एएसआई संदीप बहुत मेहनती व ईमानदार थे। वीडियो व सुसाइड नोट की फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है।
‘जींद का था. रोहतक थी तैनाती
जींद के जुलाना के संदीप कुमार 2007 में पुलिस में भर्ती हुए। एक साल से रोहतक साइबर सेल में तैनात थे। मां, पत्नी व 3 बच्चों के साथ पुलिस लाइन के क्वार्टर में रह रहे थे। मंगलवार को रोहतक के लाढ़ौत में मामा पूर्व सरंपच बलवान देशवाल के खेत में बने कोठड़े में सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली।
नौकर ने परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने शव पुलिस को नहीं ले जानी दी। देर शाम परिजन शव को उनके मामा के घर ले गए। उनकी पत्नी व मां को संदीप के सुसाइड की जानकारी नहीं दी गई है।
मामा के बेटे व ब्लॉक समिति के पूर्व चेयरमैन संजय ने बताया कि संदीप 2-3 दिन से परेशान दिख रहा था। रविवार को भी बात हुई थी। मंगलवार को भी 2 घंटे साथ रहे। उनके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी। आंखों के नीचे डार्क सर्किल बन गए थे।
एएसआई ने 4 पेज के सुसाइड व वीडियो में लगाए गंभीर आरोप
सच की कीमत बहुत बड़ी है, भगत सिंह ने जीवन खत्म किया, तब देश जागा था, सच्चाई की लड़ाई में पहली आहुति मेरी…मर्डर केस में 50 करोड़ की डीलः ‘मैं संदीप कुमार एक सच्चाई से अवगत कराना चाहता हूं। मेरे दादाजी व छोटे दादाजी सेना में देश के लिए लड़े।
छोटे दादाजी तो 7 साल बर्मा में देश की लड़ाई में कैद रहे। मेरी रगों में देशभक्ति है। सच्चाई की कीमत बहुत बड़ी होती है। भगत सिंह को भी अपना जीवन वीडियो में संदीप कुमार खत्म करना पड़ा, तब देश जागा था।
एक भ्रष्ट पुलिस अफसर है, जिसने सदर थाने के एक मर्डर केस में पैसे लिए। इसने राव इंद्रजीत (कारोबारी बताए जा रहे) को बचाने के लिए 50 करोड़ की डील की। इनके सामने ईमानदार अफसर नरेंद्र बिजारनिया अड़े रहे। इन्होंने ईमानदारी से काम किया।
भ्रष्टाचार तो छोड़ो, सैलरी में गुजारा करते थे। इन्होंने पुलिसकर्मियों का भला किया। ये समाज में बड़ा मुद्दा है। भ्रष्टाचार वजातिवाद हमें सच्चाई व आदर्श में बाधित करते हैं।
आईजी ने जातिवाद का जहर घोला हमने अपराध पर लगाम लगाने के बहुत प्रयास किए, लेकिन अहंजी पूरन कुमार का तबादला रोहतक रेंज में होता है। उन्होंने देखा कि ऑफिस में किस कर्मचारी की क्या जाति है, और उन्हें हटाना शुरू कर दिया।
अपने करप्ट आदमी लगाने शुरू कर दिए। ईमानदार व कर्मठ कर्मचारियों का तबादला कर दिया। जातिवाद का जहर घोला।
गनमैन सुशील पैसे मांगता थाः इनके आदमियों को पता था कि किन फाइलों में गलती है। उन्होंने लोगों को बुलाकर पैसे मांगने शुरू कर दिए। ऐसा माहौल बना दिया कि कोई भी आता तो पूरन का गनमैन सुशील पैसे मांगने लग जाता था।
तुम लोग न्याय की कुर्सी पर बैठे हो, कैसे पैसे मांग हो? एक व्यापारी पहले ही परेशान है, पहले ही उसे गुंडे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। तुम लोग उसे बुलाकर परेशान कर रहे हो।
क्या ये कुर्सी इसलिए रहेमिली है?
इनकी पत्नी आईएएस है, साला विधायक है। न्याय हमेशा जनता करती है। मैं आज सच्चाई बता रहा हूं। जो इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दी गई थी, उसी से डरकर सुसाइड किया है।
घरवाली को डर था कि भ्रष्टाचार केस में न आ जाए। आयोग में बैठकर इनके घरवालों ने भ्रष्टाचार किया। जांच होनी चाहिए। इन्हें लाइसेंस नहीं मिल रहा। सबकी जांच होनी चाहिए। इसने रिश्वत ली है, भ्रष्ट आदमी था।
‘गनमैन और ड्राइवर की मिलीभगत
‘जब हमने गनमैन सुशील को पकड़ा तो उसने बताया कि एक चीज और रह गई। एक जगह से और रिश्वत कलेक्ट की थी, वे पैसे गाड़ी के डैशबोर्ड में ही रह गए। ड्राइवर धर्मेंद्र गाड़ी को लेकर गया है। धर्मेंद्र और सुशील ही उस गाड़ी में थे। उन्हें इस केस में शामिल होने के लिए नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि हमारे अफसर बैठे हैं, 10 मिनट में बाहर आ जाएंगे। हमने कहा कि हमारी ये ड्यूटी है।
संयोगः एएसआई का सुसाइड भी मंगलवार को
आईपीएस में आत्महत्या की 7 अक्टूबर, मंगलवार को14 अक्टूबर, मंगलवार को सुसाइड की मिस्ट्री उलझी।
रोहतक में एएसआई संदीप कुमार लाठर ने खुदकुशी कर ली।