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अमेरिका में H-1B वीजा अब इतने लाख में: भारतीय प्रोफेशनल्स की राह मुश्किल, ट्रम्प के नए आदेश से बढ़ा बोझ… पंजाबियों पर भी असर, पढ़ें

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पंजाब हॉटमेल, वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस में भारी इजाफा करते हुए इसे अब करीब ₹88 लाख (1 लाख डॉलर) कर दिया है, जो पहले ₹1 से ₹6 लाख के बीच होती थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 19 सितंबर को व्हाइट हाउस में वीजा नियमों में बदलाव से जुड़े आदेश पर साइन किए।

इसके साथ ही ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’, ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ जैसी नई स्कीमें भी लॉन्च की गई हैं। इनमें सबसे खास ट्रम्प गोल्ड कार्ड है, जो विदेशी नागरिकों को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसीडेंसी (स्थायी निवास) का अधिकार देगा।

हालांकि, पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार इसके तहत नहीं मिलेगा।इन बदलावों का सबसे ज्यादा असर भारतीय IT पेशेवरों पर पड़ने वाला है।

पिछले साल अप्रूव हुए H-1B वीजा में 71% भारतीयों को मिले थे, जबकि चीन का हिस्सा सिर्फ 11.7% था। अब इतनी ऊंची फीस के चलते भारतीय कंपनियों के लिए अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजना महंगा सौदा बन जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल हाई-स्किल्ड वर्कर्स को प्राथमिकता देगा, जिससे एंट्री-लेवल और मिड-लेवल कर्मचारियों के मौके कम हो सकते हैं।

कंपनियां नौकरियों को भारत जैसे देशों में आउटसोर्स करना शुरू कर सकती हैं, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय प्रोफेशनल्स की मौजूदगी पर असर पड़ेगा।

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