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किसान आंदोलन: 10 महीने से खनौरी बॉर्डर पर डटे एक और अन्नदाता को खो दिया, पंजाब BJP प्रधान का तर्क… MSP कानून से हरियाणा-पंजाब को नुकसान

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पंजाब हॉटमेल, शंभू बार्डर/पटियाला/जालंधर। एमएसपी सहित किसानों की कई मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक और अन्नदाता को खो दिया। जो पिछले 10 महीने से आंदोलन से जुड़े हुए थे, वहीं 2 दिन पहले एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी।

वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 48वें दिन भी जारी है। रविवार को खनौरी बॉर्डर पर 10 महीने से अनशन कर रहे किसान की मौत हो गई।

उन्होंने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक किसान की पहचान फरीदकोट जग्गा सिंह (80) के रूप में हुई है। इनके 5 बेटे और एक बेटी है। आज खनौरी बॉर्डर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव गोदारा में होगा।

क्या बोले पंजाब BJP प्रधान सुनील जाखड़

उधर, पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने एक चैनल से बातचीत में कहा- ‘फसलों की MSP की कानूनी गारंटी पंजाब के किसानों के लिए नुकसानदायक है। पंजाब और हरियाणा के किसानों को गेहूं और धान की खरीद पर केंद्र की ओर से MSP दी जाती है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर MSP लागू होने से किसानों को मौजूदा व्यवस्था के तहत मिलने वाले लाभ से हाथ धोना पड़ेगा।

MSP कानून की गारंटी पूरे देश में लागू हो गई तो पंजाब भी अन्य राज्यों की तरह केंद्र की ओर से प्रति एकड़ खरीद नियम के तहत आ जाएगा।’

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