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Eropean Countries take action against illegal immigrates: अवैध प्रवासियों के निर्वासन की तैयारी… UK में छापेमारी में इतने गिरफ्तार: पढ़ें

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UK में भारतीय रेस्तरां में मारे छापे, 609 लोग गिरफ्तार; अवैध प्रवासियों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाबियों की

पंजाब हॉटमेल चंडीगढ़/जालंधर। Eropean Countries action against illegal immigrates) अमेरिका के सख्त रवैया अपनाने के बाद यूरोपियन देश भी इलीगल इमीग्रेंट के निर्वासन की तैयारी में हैं। यूके की लेबर सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है। यह अभियान विशेष रूप से भारतीय रेस्तरां, नेल बार, करियाना स्टोर और कार वॉश जैसे छोटे व्यवसायों पर केंद्रित है।

हाल ही में 828 स्थानों पर छापा मारा गया। इसमें 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में सबसे ज्यादा पंजाबी हैं, जो स्टडी या टूरिस्ट वीजा पर यूके गए थे। ये वीजा की अवधि खत्म होने पर अवैध रूप से यूके में रह रहे थे। उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां मेंछापे में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से चार को हिरासत में ले लिया।

लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगभग 19,000 विदेशी अपराधियों और अवैध प्रवासियों को देश से निकाला जा चुका है। इनमें भी सबसे अधिक पंजाबी हैं। इस सख्त कार्रवाई के परिणामस्वरूप अवैध।

प्रवासियों को रोजगार देने वाले नियोक्ताओं पर भीसख्त कार्रवाई की तैयारी

होने वाले वर्ष में यूके के नामचीन हस्ती परमजीत सिंह बंसल का कहना है कि दिसंबर 2024 को समाप्त 108130 से अधिक लोगों ने ब्रिटेन में शरण का दावा किया, जो 1979 के बाद से सबसे अधिक संख्या है।2024 में शरण के 32 फीसदी दावे छोटी नावों से आने वाले लोगों से आए।भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।

एक अवैध कर्मचारी रखने पर मालिक को 60,000 पाउंड (60 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यूके के रहने वाले किरपाल सिंह का कहना है कि यह कदम ट्रंप की सख्त माइग्रेशन नीति के साथ मेल खाता है, जिसने हाल ही में अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है।

यूके में मौजूदा समय में 7 लाख से अधिक पंजाबीयूके में इस समय में सात लाख से अधिक पंजाबी हैं और बहुसंख्यक सिख समुदाय से हैं। यूके ने 2008 के बाद से स्टडी वीजा में काफी ढील दी, जिसका फायदा उठाकर भारी संख्या में युवा यूके में स्टडी वीजा पर चले गए।

नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में दस लाख छात्रों की दूसरी भाषा अंग्रेजी है, जबकि जिन छात्रों की पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है, उनमें पंजाबी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, अध्ययन के लिए ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों में से एक महत्वपूर्ण हिस्सा पंजाब से है।

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