ED का बड़ा खुलासा: पंजाब-हरियाणा के ड्रग इंस्पेक्टर नशे के धंधे में शामिल… ऐसे चल रहा कारोबार
नशा छुड़ाओ केंद्रों की आड़ में बिक रही थीं नशीली दवाएं, 22 सेंटरों को नोटिस
पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब में नशा छुड़ाओ केंद्रों की आड़ में नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के 4-5 ड्रग इंस्पेक्टर इस गैरकानूनी रैकेट को ऑपरेट कर रहे थे।

इन ड्रग इंस्पेक्टरों का संबंध रसन फार्मा लिमिटेड और डी-एडिक्शन सेंटरों से जुड़ा हुआ पाया गया है। यह फार्मा कंपनी नशा छुड़ाने के लिए दी जाने वाली ब्यूप्रीनोर्फिन और नलेक्सॉन जैसी दवाइयां बनाती है, जिन्हें गैरकानूनी रूप से बाहर बेचा जा रहा था।

- 22 डी-एडिक्शन सेंटरों को नोटिस, लाइसेंस रद्द होने की तैयारी
ईडी के जालंधर कार्यालय ने पंजाब के 22 प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्रों को शो-कॉज नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है। जिन सेंटरों से बीएनएक्स दवाओं की खेप जब्त की गई थी, उनके खिलाफ लाइसेंस रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रूपप्रीत कौर के करोड़ों की बेनामी संपत्तियों की जांच
ईडी ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की करोड़ों की बेनामी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। लुधियाना, पटियाला, मोहाली और चंडीगढ़ में उसके नाम से भारी संपत्ति सामने आई है।
बैंक खातों की जांच में करोड़ों रुपये का लेन-देन और ड्रग मनी का उपयोग उजागर हुआ है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने रूपप्रीत कौर को गिरफ्तार किया था। उसकी कस्टडी से नशीली दवाओं की खेप और नकद राशि भी बरामद हुई थी।