मिलीभगत का खेल: करोड़ों के पटाखे के और सिर्फ 6 लाख के बिल! राजू पटाखे वाले ने बारूद पर बिठा दिया शहर… ड्रा नहीं निकला फिर भी दो नंबर में दुकान कैसे लगाएंगे; पढ़ें
खुद को पत्रकार बताने वाला कर रहा लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़, सुरक्षा की जिम्मेदारी GST विभाग या Police की?
अगर हादसा हुआ तो मदद समय पर नहीं पहुंच पाएगी, गलियां छोटी; फायर ब्रिगेड-एबुलेंस निकल नहीं पाएंगे
मनमोहन सिंह
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। त्योहारी सीजन के बीच बाजारों में हलचल बढ़ गई है लेकिन हादसों का खतरा भी मंडरा रहा है। जानकारी के मुताबिक शहर में करोड़ों रुपए का बारूद स्टोर हो चुका है। राजकुमार राजू नाम के पटाखे वाले ने करोड़ों के पटाखे स्टोर कर रखें हैं

चेकिंग से बचने और जीएसटी चोरी के लिए व्यापारियों ने शहर के भीड़भाड़ वाले और शंकरे बाजारों में गोदाम बनाए हुए हैं जहां हादसा हुआ तो तस्वीर भयावह होगी।

जानकारी के मुताबिक हाल ही में जीएसटी की टीम ने शहर के अटारी बाजार में रेड की थी, जहां करोड़ों रुपए के पटाखों के गोदाम बने हुए हैं लेकिन राजू नाम के पटाखा व्यापारी ने बिल सिर्फ 6 लाख रुपए के ही दिखाए। अब ड्रा में नाम तो निकला नहीं है फिर करोड़ों के पटाखे कहां और कैसे बेचेंगे और झुगाड़ लगाकर दो नंबर में दुकान कैसे लगाएंगे रह भी हैरानी वाली बात है। जानकारी के मुताबिक राजू पटाखे वाले शहर के टाप 3 नंबर के कारोबारी हैं।
अब लापरवाही विभाग की कहें या व्यापारियों, पूरे शहर को बारूद के ढेर पर बैठा दिया है। शहर के यह वह बाजार हैं जहां कोई अनहोनी हुई तो फायर ब्रिगेड-एबुलेंस समय पर पहुंच ही नहीं पाएंगे क्योंकि गलियां बहुत छोटी हैं।
जीएसटी विभाग और जालंधर प्रशासन-पुलिस की गाइडलाइंस का पटाखा व्यापारियों पर कोई असर नहीं हो रहा। पुलिस की नजर पटाखा कारोबारियों के गोदामों पर है लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आई, जहां बिना इजाजत के बारूद का जखीरा स्टोर किया गया है।
शहर के कई रिहायशी इलाकों में बड़ी मात्रा में पटाखा स्टोर किया गया है, कहां, कितनी मात्रा में और कितना घातक हो सकता है यह लोगों की सोच से परे है।
क्या कहना है पटाखा कारेबारी राजू का ?
इस मामले में जब पटाखा कारोबारी राजू से बात की गई तो उनका कहना था, कि वह एक छोटो से व्यापारी हैं और जीएसटी में उनका मामला फिल्हाल लंबित है। ड्रा न निकलने के बावजूद पटाखे बेचने की बात पर उन्होंने इंकार न करते हुए गोलमोल जवाब देकर कहा कि आपको सारी बात का पता ही है। मगर अगले साल से वह कपड़े के कारोबार में ध्यान लगाएंगे या फिर करवा चौथ पर मंगलसूत्र बेचने का काम करेंगे। करोड़ों रूपए के स्टाक व जीएसी विभाग में की गई सैटिंग को लेकर भी उन्होंने साफ-साफ कुछ भी नहीं बताया। जिससे यह साफ हो जाता है कि दाल में कछ तो काला ज़रूर है।