ब्रेकिंग: Police station में लगा वाहनों का अंबार, जालंधर में सबसे अधिक व्हीकल खा रहे धूल… भारी-भरकम जुर्माने के कारण लोगों ने छुड़ाए नहीं; अब आसानी से छुड़ाएं, पढ़ें कैसे!
थानों से हटेंगे गाड़ियों के ढेर: पंजाब सरकार की नई पॉलिसी से मिलेगी वाहन मालिकों को राहत
पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब के 424 पुलिस थानों (Police station road) में बरसों से जब्त पड़ी करीब 75,000 गाड़ियों (Vehicle) के ढेर को हटाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। नई नीति के तहत अब वाहन मालिकों को अपनी गाड़ी वापस पाने के दो मौके मिलेंगे।

इस प्रक्रिया में न वकील की जरूरत होगी, न ही किसी बिचौलिए की।डीजीपी ए.एस. राय की देखरेख में डीएसपी गुरदेव सिंह द्वारा तैयार की गई इस पॉलिसी को सरकार ने मंजूरी दे दी है।
अब पुलिस विभाग चरणबद्ध तरीके से वाहनों का निपटारा करेगा। इसके लिए हर जिले में डिस्पोजल ऑफ व्हीकल कमेटी बनाई गई है और एसपी व डीएसपी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
थानों के एडिशनल एसएचओ को हर 15 दिन में रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि गाड़ियों के ढेर फिर न लगें। पॉलिसी के तहत पुलिस लोक अदालत में केस भेजेगी, जिससे वाहन मालिक कम जुर्माना देकर अपनी गाड़ी छुड़ा सकेंगे।
नई पॉलिसी के फायदे
मालिकों को अपने वाहन दोबारा पाने का मौका, पुलिस थानों से हटेगा वाहनों का अंबार, किसी वकील या बिचौलिए की जरूरत नहीं, जुर्माने की राशि में मिलेगी राहत।
जिलों में डिस्पोज ऑफ किए जाने वाले वाहन
जालंधर: 13,388, मोहाली: 3,841, लुधियाना: 7,039, फाजिल्का: 2,352, मानसा: 1,679, बठिंडा: 1,656, तरनतारन: 1,510, रूपनगर: 1,848, फतेहगढ़ साहिब: 985, बरनाला: 899, पहले चरण में 35,323 वाहनों को डिस्पोज ऑफ करने की योजना है।
क्यों पड़ी गाड़ियां सड़ने के लिए छोड़ दी गईं
अक्सर चालान की राशि गाड़ी की कीमत से ज्यादा हो जाने पर लोग वाहन छुड़ाने नहीं आते। उदाहरण के तौर पर, 20,000 की गाड़ी पर 40,000 का चालान लगने से मालिकों ने गाड़ियां छोड़ना ही बेहतर समझा।
नतीजतन, थानों में जगह-जगह कबाड़ बन चुकी गाड़ियां खड़ी हैं, जिनमें कई 20-25 साल पुरानी हैं।
डीजीपी अमरदीप सिंह राय ने कहा कि “हमारा मकसद थानों से वाहनों का अंबार हटाकर लोगों को राहत देना है। नई नीति से पुलिस और जनता दोनों को फायदा होगा।”