बड़ी खबर: आखिरकार महिला आयोग की फटकार के बाद हरकत में पुलिस, सस्पेंड SHO के खिलाफ केस में जोड़ी यह धाराएं… पढ़ें
दूसरा केस दर्ज, राहत के लिए लगाई एंटीसिपेट्री बेल; रेप पीड़ित बच्ची को चूमने की कोशिश का आरोप में पॉक्सो एक्ट लगा
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। थाना फिल्लौर में सस्पेंड किए गए पूर्व एसएचओ भूषण कुमार के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। केस में पॉक्सो एक्ट की धारा 8 लगाई गई है।

एसएसपी ने जांच के लिए एसपी मनजीत कौर की सुपरविजन में बनाई गई एसआईटी की जांच रिपोर्ट पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेज दी है।’
14 साल की बच्ची से रेप, एसएचओ बोला- मैं चेकअप कर देता हूं कि रेप हुआ या नहीं’ पर आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने संज्ञान लिया था। आयोग ने एसएसपी को भेजे नोटिस में कहा है कि 14 साल की बच्ची से रेप को लेकर डेढ़ महीने तक एसएचओ ने कार्यवाही नहीं की।
आयोग ने निर्देश दिए थे कि तथ्य जांच कर एसएचओ के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत पर्चा किया जाए। एसएसपी से 23 अक्टूबर तक कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी गई थी।
उधर, डीएसपी सरवन सिंह बल्ल ने कहा कि अभी जांच चल रही है। शुक्रवार को बताएंगे। उधर, महिला आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए नाबालिग रेप पीड़ित की मां और एक अन्य युवती से फोन पर अश्लील बातें करने को लेकर दर्ज किया गया है।
पहले केस में बीएनएस की धारा 75 (1) पुलिस एक्ट की धारा 67 (डी) व आईटी एक्ट की धारा 67 लगाई गई है। केस में राहत के लिए भूषण ने एडिशनल सेशन जज की कोर्ट में एंटीसिपेट्री बेल लगाई है, सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है।
मां और बेटी की कोर्ट में करवाई गई स्टेटमेंट
आयोग की सख्ती के बाद हरकत में आई देहात पुलिस ने पीड़िता के साथ-साथ उसकी मां की कोर्ट में स्टेटमेंट करवाई है। बच्ची ने थाने में उसके साथ हुआ घटनाक्रम बताया है।
बता दें कि 8 अक्टूबर को एक महिला ने थाना फिल्लौर के एसएचओ भूषण पर संगीन आरोप लगाए थे। एसएसपी ने एसएचओ भूषण कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था।
इस बीच एसएचओ की एक और युवती संग अश्लील बातें करने की रिकार्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए एसएसपी से जबाव मांगा था।
एसएचओ की करतूत बताते हुए भावुक हो गई मांपीड़िता की मां व बेटी ने एसपी मनजीत कौर की सुपरविजन में बनाई गई जांच टीम को अपना पूरा दर्द बयां किया।
बोली- बेटी संग थाने में आई तो बोले- मुझे नहीं लगता कि रेप हुआ है। मैं आरोपी को बुलाकर तुमसे थप्पड़ लगवा देता हूं। गुस्सा शांत कर लेना। महीना निकल गया पर न केस बनाया न ही मेडिकल।
एक दिन बेटी को चूमने लगे। मैंने रोक दिया। फिर रेप के सवाल पर बोले हम थाने में रेप की जांच कर लेते हैं। अगर तुम चेक नहीं कर सकती तो मैं खुद चेक करके बता देता हूं कि रेप हुआ है या नहीं।
मैंने उनके हाथ जोड़े तो वह डंडा दिखाकर बोले- ऐसे रेप होता है। रेप का मामला तो दर्ज हो गया, लेकिन एसएचओ उस पर बुरी नजर रखने लगे।
