तहसीलदारों की लापरवाही से 35 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी डील्स गायब, आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई… जालंधर से भी जुड़े तार, पढ़ें और देखें
पंजाब हॉटमेल, चंडीगढ़। आयकर विभाग की इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन (I&CI) विंग ने मानेसर, जालंधर-1 और बद्दी के तहसीलदारों पर एक साथ कार्रवाई करते हुए प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन में भारी गड़बड़ी का पर्दाफाश किया है।
जांच में सामने आया कि इन तीनों तहसीलदारों ने हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी डील्स की जानकारी विभाग को या तो भेजी ही नहीं या फिर जानबूझकर गलत विवरण दर्ज किया।
आयकर नियमों के अनुसार, 30 लाख रुपये से अधिक की हर प्रॉपर्टी डील की जानकारी में खरीदार और विक्रेता का नाम, पैन और आधार नंबर जैसे विवरण साझा करना अनिवार्य होता है। लेकिन सर्वे में पाया गया कि कई डील्स में पैन नंबर गायब थे या फर्जी दर्ज किए गए।
जब तहसील के रिकॉर्ड को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर से मिलाया गया, तो करोड़ों की डील्स या तो पूरी तरह गायब थीं या अधूरी जानकारी देकर विभाग को गुमराह किया गया था।
इससे टैक्स की सही जांच और रिकवरी असंभव हो रही थी।यह कार्रवाई विभाग द्वारा पहले से दी गई चेतावनियों और जागरूकता कैंपों के बावजूद की गई है, जो बार-बार नियम समझाने के बावजूद अनदेखी करते रहे तहसीलदारों के खिलाफ सख्त कदम है।
विभाग ने साफ कर दिया है कि अब लापरवाही या भ्रष्टाचार को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, और प्रॉपर्टी डील्स की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता लाना अनिवार्य है।