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शहर में खुलेआम बिक रहे पटाखे: प्रशासन की सख्ती बेअसर!लाइसेंस के बिना बिक्री और गोदाम बनाकर लोगों की ज़िंदगियों से हो रहा खिलवाड़

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शहर के रिहायशी और मुख्य बाजारों में बना रखे हैं गोदाम, बारुद के ढेर पर बैठे हैं शहरवासी; पुलिस रख रही पैनी नजर

जालंधर।‌ एक ओर जहां पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के कई रिहायशी इलाकों और मुख्य बाजारों में खुलेआम पटाखे बेचे जा रहे हैं। प्रशासन की तमाम कोशिशों और नियमों के बावजूद अवैध पटाखा बिक्री पर अंकुश नहीं लग पा रहा।

पुलिस के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत जारी आदेशों के अनुसार, केवल लाइसेंसशुदा दुकानों को ही पटाखे बेचने की अनुमति है।

फिर भी, कई बाजारों और कॉलोनियों में अवैध रूप से गोदाम बनाकर पटाखों की बिक्री जारी है। यह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है।

साइलेंस ज़ोन में पूरी तरह पाबंदी

अस्पतालों, स्कूलों और अन्य साइलेंस ज़ोन क्षेत्रों में किसी भी समय पटाखे चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इसके अलावा, तेल टर्मिनलों (IOC, BPC, HPC) के 500 गज के दायरे में भी पटाखों का प्रयोग सख्त वर्जित है।

इन पटाखों पर है पूरी रोक

खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के रूप में आयातित पटाखेविदेशी मूल के पटाखेजुड़े हुए पटाखे जैसे लड़ी आदिसिर्फ लाइसेंसी फैक्ट्रियों से खरीदे गए ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकेंगे।

त्योहारों पर पटाखों का समय तय

दीवाली: रात 8 से 10 बजे तक।

क्रिसमस और नववर्ष: रात 11:55 से 12:30 बजे तक।

गुरुपर्व: सुबह 4 से 5 बजे व रात 9 से 10 बजे तक।

भंडारण पर भी रोक

पुलिस के आदेशों के अनुसार, किसी भी अनधिकृत स्थान पर पटाखों का भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री पूरी तरह से निषिद्ध है। ये आदेश 7 नवंबर 2025 तक प्रभावी रहेंगे।

प्रशासन सतर्क, पर अवैध कारोबारियों को नहीं डर

हालांकि पुलिस द्वारा बार-बार चेतावनी दी जा रही है, फिर भी कई व्यापारी नियमों की अनदेखी करते हुए रिहायशी क्षेत्रों में गोदाम और बिक्री केंद्र चला रहे हैं। प्रशासन को अब जमीनी स्तर पर सख्ती दिखाने की ज़रूरत है, ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके।

निष्कर्ष:आदेशों के बावजूद अगर पटाखों की अवैध बिक्री और भंडारण पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आने वाले त्योहारों पर शहरवासियों के लिए खतरा बन सकता है। समय रहते प्रशासन को कठोर कदम उठाने होंगे। क्योंकि अवैध पटाखा व्यापारियों के पूरा शहर को बारूद के ढेर पर बैठा है।

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