Canada’s New PM in Favour of Punjabis or not! पीएम कार्नी से पंजाबी मूल के सांसदों को काफी उम्मीद… ट्रूदो से कितने अलग, पढ़ें
वीजा से लेकर व्यापार की नीति होगी मजबूत, दोनों देशों के रिश्तों में भी हो सकता है सुधार
पंजाब हॉटमेल ब्यूरो, कनाडा/नई दिल्ली/जालंधर। मार्क कार्नी कनाडा के नए पीएम तब बनने जा रहे हैं जब ट्रंप के ट्रेड वॉर और भारत से रिश्तों में खटास है। लेकिन पंजाबी मूल के सांसदों को मार्क कार्नी से खासी उम्मीदें हैं कि वह कनाडा में स्टूडेंट् वीजा पर गए विद्यार्थियों की दिक्कतें दूर होने की संभावना है। वहीं सुपर वीजा व अन्य रिश्तों में भी सुधार होगा।

लिबरल पार्टी के सांसद पंजाबी मूल के सुख धालीवाल का कहना है कि मार्क कार्नी काफी सख्त हैं। उनहोंने साफ रूख कर दिया है कि अमेरिकियों को कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए, हॉकी की तरह, ट्रेड में भी कनाडा जीतेगा। वह दो देशों के रिजर्व बैंकों के गवर्नर जरूर रह चुके हैं और इकोनॉमिक्स की काबिलियत उन्हें हिसाब-किताब का धुरंधर बनाती है। भारत में जो भूमिक रिजर्व बैंक की है, कनाडा में ही वही रोल सेंट्रल बैंक का है।

मार्क कार्नी ने 2008 के इसी संकट से कनाडा को सबसे पहले निकाला था। अपनी नीतियों और प्रबंधन क्षमता की दम पर उन्होंने करिश्मा किया और कनाडा को मंदी के चक्र से बाहर ले आए। उनकी विश्वस्तरीय सोच भारत व पंजाबी मूल के लोगों के साथ काफी साकारात्मक रहने की उम्मीद है।
कनाडा में स्टूडेंट वीजा व नौकरियों को लेकर काफी संकट गहराया
कनाडा में स्टूडेंट वीजा व नौकरियों को लेकर काफी संकट गहराया हुआ है। 2023 व 24 में लगभग 15 लाख परमिट होल्डर कनाडा पहुंचे थे। इसके चलते वहां हाउसिंग और सर्विसेज पर प्रेशर काफी बढ़ गया। सबसे ज्यादा भारतीय छात्र कनाडा में ही पढ़ाई कर रहे हैं। लगभग 4 लाख 27 हजार स्टूडेंट वीजा पर भारतीय वहां पर स्टडी कर रहे हैं जबकि 7 लाख के आसपास वर्क परमिट पर हैं। जहां वर्क परमिट पर संकट गहरा रहा है वहीं वर्क वीजा भी खत्म होने जा रहे हैं।

कनाडा की नामचीन हस्ती जोगिंदर बासी का कहना है कि कनाडा भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है और वह भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मतलब यह कि उन्होंने इशारों में कह दिया कि ट्रूडो वाली गलती वह नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा है कि कॉमर्शियल रिलेशनशिप को लेकर एक साझा भावना होनी चाहिए और अगर मैं प्रधानमंत्री हूं तो मैं इसे मजबूत करना चाहूंगा। यह भारत के साथ नए रिश्तों की शुरूआत का कदम है, जिसका फायदा पंजाब को भी होगा।

वहीं ब्रैंप्टन से सांसद मनिंदर सिद्धू का कहना है कि मुझे लगता है कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता व्यापार को ध्यान में रखते हुए विदेश नीति तैयार करने की होगी और मौजूदा हालात में कनाडा-भारत के संबंध बेहतर ही होंगे। कार्नी वीजा की तमाम समस्याओं को बारीकी से जानते हैं और इसका समाधान भी होने की उम्मीद है।