बड़ी खबर : डेरा Beas मुखी बाबा गुरिंदर ढिल्लों कैंसर-हृदय रोग से पीड़ित; उत्तराधिकारी घोषित किया, ये शख्स आज से ही संभालेंगे गद्दी, 90 देशों में डेरे के केंद्र
पंजाब हॉटमेल, अमृतसर/जालंधर। पंजाब के Beas में स्थित डेरा राधा स्वामी के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है। इसको लेकर डेरे की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है। डेरा मुखी ने जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। जिन्हें बतौर गुरू नाम देने का भी अधिकार होगा।
गौरतलब है कि कुछ साल पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को कैंसर डिटेक्ट हुआ था। जिसका लंबा इलाज चला। वहीं गुरिंदर ढिल्लों हृदय रोग से भी पीड़ित हैं। डेरा ब्यास का काफी प्रभाव है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई बड़े नेता यहां आ चुकी हैं।
डेरा Beas से जुड़े सभी सेवादार-इंचार्जों को लेटर भेजा
इस संबंध में सभी सेवादार इंचार्जों को भेजे लेटर में कहा गया कि पूज्य संत सतगुरु एवं राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संरक्षक बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है।
वे 02 सितम्बर, 2024 से तत्काल प्रभाव से संरक्षक के रूप में उनका स्थान लेंगे। जसदीप सिंह गिल, राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे तथा उन्हें नाम दीक्षा देने का अधिकार होगा।
जसदीप सिंह गिल को भी संगत का भरपूर प्यार और सहयोग मिले
बाबा गुरिंदर ढिल्लो ने कहा कि जिस प्रकार हुजूर महाराज जी के बाद उन्हें संगत का भरपूर सहयोग व प्यार मिला है। उसी प्रकार उन्होंने यह भी इच्छा व अनुरोध किया है कि जसदीप सिंह गिल को भी संरक्षक व संत सतगुरु के रूप में उनकी सेवा निभाने में वही प्यार और स्नेह दिया जाए।
90 देशों में डेरा Beas के केंद्र, 1891 में हुई थी स्थापना
राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरे की स्थापना 1891 में की गई थी। इसका उद्देश्य लोगों को धार्मिक संदेश देना है। यह संस्था दुनिया के 90 देशों में फैली हुई है, जिसमें USA., स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका समेत दूसरे कई देश शामिल हैं।
डेरे के पास 4 हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। जिसमें करीब 48 एकड़ का लंगर हाल है।डेरे में श्रद्धालुओं के रहने के लिए सराय, गेस्ट होस्टल और शेड हैं। डेरे में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए 3 अस्पताल भी बनवाए हैं। डेरे से 35 किलोमीटर के घेरे में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए मुफ्त सुविधा दी गई है।