Jalandhar West By-election : AAP की रणनीति का हिस्सा नहीं होंगे CM मान, यह राज्यसभा सांसद संभालेगा कमान, किराए की कोठी पर रहेंगे या नहीं इस पर भी संसय बरकरार
AAP के 23 वरिष्ठ नेता होंगे प्रचार का हिस्सा, वार्ड और मंडल की कमान संभालेंगे मंत्री-सांसद
पंजाब हॉटमेल, जालंधर। Jalandhar West By-election में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जालंधर में आम आदमी पार्टी AAP के उपचुनाव प्रचार की रणनीति का हिस्सा नहीं होंगे। यानि वह कमान नहीं संभालेंगे और इस बार चुनाव प्रचार की कमान संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को सौंपी गई है। लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मान मुख्य प्रचारक थे लेकिन पार्टी को उम्मीद के हिसाब से सीटें नहीं मिली। हालांकि, वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महिंदर भगत के प्रचार का चेहरा होंगे।
सीएम आखिरी दौर में प्रचार के लिए पहुंचेंगे। सीएम मान से पहले दो सांसद, चार मंत्री और विधायक समेत 23 वरिष्ठ नेता महिंदर भगत के लिए प्रचार करने जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने यह फैसला तब लिया है, जब लोकसभा चुनाव में उसे 13 में से 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव में प्रचार की कमान पूरी तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान के हाथ में थी। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए तैयार किए गए नारे- संसद में भी भगवंत मान- में भी मुख्यमंत्री का नाम जोड़ा गया था।
AAP के ये सभी बड़े नेता करेंगे प्रचार
सांसदों, मंत्रियों और विधायकों सहित 23 नेताओं को जालंधर पश्चिम में पड़ने वाले 23 वार्डों का प्रभारी बनाया गया है। अभियान का नेतृत्व करने के लिए चुने गए
मंत्रियों में कुलदीप धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, डॉ. बलजीत कौर और लाल चंद कटारुचक हैं। इनके अलावा नए चुने गए सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर और मालविंदर कांग भी इस टीम का हिस्सा हैं।
13-0 का नारा के बाद 3 पर सिमटी आप के लिए उपचुनाव में साख दाव पर
इन चुनावों को अगर राजनीतिक पक्ष से देखें तो 13 लोकसभा सीटों में से 10 पर AAP की हार के सिर्फ एक महीने के भीतर उपचुनाव के नतीजे सरकार के प्रदर्शन पर लोगों का नजरिया बता देगा। ऐसे में कैंपेन कमेटी को लीड करने वाले नेता के राजनीतिक करियर पर इसका असर पड़ना लाजमी है।
ऐसे में सीएम को प्रचार से दूर रखना रणनीतिक रूप से बुद्धिमानी साबित होगी। 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के दौरान जालंधर पश्चिम सीट को जीतना आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। ये सीट पहले से ही आम आदमी पार्टी के पास थी, लेकिन पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने इस्तीफा देकर भाजपा जॉइन कर ली। पार्टी इस सीट को वापस जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।