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NRI मेहमानों ने जताई गंभीर चिंता: जालंधर की दूषित हवा से सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन- DC से की शिकायत, प्रशासन हरकत में!

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पंजाब हॉटमेल, जालंधर/चंडीगढ़। जालंधर का बढ़ता वायु प्रदूषण अब अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है। ऑस्ट्रेलिया, इटली और अमेरिका से आए श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन को शिकायत भेजकर कहा है कि यहां की हवा इतनी प्रदूषित है कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं।

ये श्रद्धालु गांव उदोवाल (महितपुर) स्थित दरबार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी बुलंदपुरी में 9 से 19 नवंबर तक चलने वाले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व समारोह में भाग लेने पहुंचे हैं।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल को लिखित शिकायत दी है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि इस साल समागम में करीब 40 देशों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, लेकिन प्रदूषित हवा के कारण वे परेशानी का सामना कर रहे हैं।

गुरुवार को जब विदेशी मेहमानों ने प्रशासन को अपनी तकलीफ बताई, तब जालंधर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 277 था। शुक्रवार को यह आंकड़ा बढ़कर 305 तक पहुंच गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। हवा में घुले प्रदूषक कणों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।

एडीसी (अर्बन डेवलपमेंट) जसबीर सिंह और एसडीएम शाहकोट लाल विश्वास ने बताया कि जिला प्रशासन पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। हालांकि, प्रदूषण का कारण केवल पराली नहीं बल्कि पटाखों का धुआं और औद्योगिक प्रदूषण भी है।

उन्होंने कहा कि इस बार जिले में पराली जलाने के मामले पिछले वर्षों की तुलना में कम आए हैं, लेकिन आसपास के जिलों से उठने वाला धुआं यहां तक पहुंच रहा है।

दरबार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी बुलंदपुरी विश्वभर में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है। इसकी शाखाएं ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली और पनामा जैसे देशों में हैं।

यहां विदेशी श्रद्धालु न केवल दर्शन करने बल्कि सिख धर्म और ग्रंथ साहिब पर रिसर्च करने भी आते हैं। गांव उदोवाल स्थित यह गुरुद्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे (255 फीट) निशान साहिब के लिए भी प्रसिद्ध है।

कनाडा से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वे दो दिन पहले ही यहां पहुंचे हैं, लेकिन आंखों में लगातार जलन और गले में खराश महसूस हो रही है। स्थानीय अस्पताल से दवा लेनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि भारत आने की खुशी अब प्रदूषण के कारण चिंता में बदल गई है।प्रशासन ने स्थिति पर तुरंत रिपोर्ट तलब की है और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए अतिरिक्त उपाय शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

पर्यावरण विभाग को गुरुद्वारा क्षेत्र के आसपास एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग बढ़ाने को कहा गया है।राज्य स्तर पर भी पराली का असर साफ दिख रहा है।

पंजाब में अब तक पराली जलाने के 3,384 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 36% कम है, लेकिन प्रदूषण में अब भी उल्लेखनीय गिरावट नहीं आई है।

जालंधर में वायु गुणवत्ता की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। अगर हालात नहीं सुधरे तो यह अंतरराष्ट्रीय समागम विदेशी श्रद्धालुओं के लिए असुविधा का कारण बन सकता है।

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