श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित पवित्र यात्रा धर्म रक्षक यात्रा श्री आनंदपुर साहिब से 13 नवंबर को आरंभ होगी : हरमीत सिंह कालका
पंजाब हॉटमेल, नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका ने जानकारी दी कि श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी और उनके साथ शहीद हुए तीन अमर शहीदों — भाई मती दास जी, भाई सती दास जी और भाई दियाला जी — की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित “धर्म रक्षक यात्रा” का शुभारंभ 13 नवंबर 2025 (गुरुवार) सुबह 9 बजे श्री आनंदपुर साहिब स्थित गुरुद्वारा गुरु के महल से किया जाएगा।

सरदार कालका ने बताया कि यह पवित्र यात्रा श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के दिव्य उपदेशों — धर्म की रक्षा, मानवता के अधिकारों की सुरक्षा और सत्य के अडिग मार्ग पर चलने — के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के लिए समर्पित है।
उन्होंने बताया कि यह यात्रा तख्त श्री केसगढ़ साहिब, किला आनंदगढ़ साहिब, पंज प्यारा पार्क, कीरतपुर साहिब, गुरुद्वारा परिवार बिछोड़ा साहिब, भरतगढ़, घनौली, मलखपुर, गुरुद्वारा भट्ठा साहिब, रूपनगर, सोलखियां टोल प्लाज़ा, कुराली, पटियाला, खरड़, सत्तेवाल, लांदरा, बनूर और शंभू बॉर्डर होते हुए गुरुद्वारा मंजी साहिब, अंबाला पहुंचेगी, जहाँ संगत रात्रि विश्राम करेगी।
सरदार कालका ने आगे बताया कि अगले दिन 14 नवंबर 2025 (शुक्रवार) सुबह 9 बजे गुरुद्वारा मंजी साहिब अंबाला से प्रस्थान करके यह धर्म रक्षक यात्रा अंबाला कैंट, शाहबाद, पिपली, कुरुक्षेत्र, तरावड़ी, करनाल, घरौंडा, पानीपत टोल, समालखा, सोनीपत, कुंडली, सिंघू बॉर्डर, बाईपास, लिबासपुर और गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब होते हुए गुरुद्वारा सीस गंज साहिब, चांदनी चौक, दिल्ली पहुंचेगी।
उन्होंने कहा कि यह पवित्र यात्रा केवल एक ऐतिहासिक स्मृति नहीं, बल्कि सिख पंथ की शान, शहादत की रूहानियत और गुरु घर से अटूट जुड़ाव का प्रतीक है।
इस यात्रा का हर पड़ाव गुरबाणी की मधुर धुनों, शब्द कीर्तन और गुरु महाराज की कृपा से भक्ति एवं आध्यात्मिक उल्लास से भरा होगा।सरदार हरमीत सिंह कालका ने समस्त संगत से विनम्र अपील की कि वे अपने परिवार सहित इस धर्म रक्षक यात्रा में शामिल होकर गुरु साहिब की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें।
उन्होंने बताया कि पालकी साहिब की लाइव लोकेशन और यात्रा से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की वेबसाइट www.dsgmc.in पर संपर्क किया जा सकता है।
“श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की शहादत मानवता के अधिकारों की रक्षा की अद्वितीय प्रेरणा है — यह धर्म रक्षक यात्रा उस अमर संदेश का जीवंत प्रतीक है।” — हरमीत सिंह कालका
